Tricity Today | दुर्गा शंकर मिश्रा और डॉ.अरुणवीर सिंह
Lucknow News : उत्तर प्रदेश के विकास में अहम भूमिका निभाने वाले दो प्रमुख आईएएस अफसर के सेवा विस्तार को लेकर अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। इस मामले में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा और यमुना विकास प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह शामिल हैं। राज्य सरकार ने दोनों अधिकारियों के सेवा विस्तार के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है, लेकिन अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
दुर्गा शंकर मिश्रा
दुर्गा शंकर मिश्रा वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के पद पर कार्यरत हैं। उनकी सेवानिवृत्ति की अंतिम तारीख 30 जून 2024 निर्धारित है। राज्य सरकार ने मिश्रा के कार्यकाल को 6 महीने के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। दुर्गा शंकर मिश्रा का राज्य प्रशासन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है और वे प्रशासनिक नीतियों और योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं।
डॉ.अरुणवीर सिंह
डॉ.अरुणवीर सिंह यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ (CEO) के रूप में कार्यरत हैं। उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि 31 जुलाई 2024 है। डॉ.अरुणवीर सिंह के कार्यकाल को 3 महीने के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। उनके नेतृत्व में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जैसी कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं चल रही हैं, जो राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
सेवा विस्तार का प्रस्ताव
राज्य सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर अभी तक केंद्र सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे स्थिति अनिश्चित बनी हुई है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "दोनों अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। दुर्गा शंकर मिश्रा राज्य प्रशासन के स्तंभ हैं, जबकि डॉ.अरुणवीर सिंह यमुना प्राधिकरण में चल रही कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की निगरानी कर रहे हैं।"
केंद्र सरकार के निर्णय का इंतजार
सरकार के समर्थकों का कहना है कि दोनों अधिकारियों का अनुभव और विशेषज्ञता राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। भाजपा के एक नेता ने कहा, "मिश्रा जी और सिंह साहब ने अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम किया है। उनका अनुभव राज्य के लिए बहुत मूल्यवान है।" प्रशासनिक गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा है कि केंद्र सरकार क्या निर्णय लेगी। एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने बताया, "सेवा विस्तार एक संवेदनशील मुद्दा है। इसमें कई पहलुओं पर विचार किया जाता है। केंद्र सरकार के निर्णय का इंतजार है।"