खास खबर : नोएडा की तरह सूर्य ग्रहण काल वाला मिथक योगी आदित्यनाथ ने तोड़ा, वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला पहुंचे

Tricity Today | वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला पहुंचे योगी आदित्यनाथ



Uttar Pradesh News : एक संत के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी आस्था, परंपरा और संस्कृति का पूरा सम्मान करते हैं। अगर बात वैज्ञानिकता और लोककल्याण की आती है तो वह रूढ़ियों को तोड़ने में तनिक भी नहीं हिचकते। सूर्यग्रहण के दौरान भी उन्होंने यही किया। 

ग्रहण के दौरान पहुंचे वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला
आम परंपरा यह है कि ग्रहण के दौरान घर से नहीं निकलते। ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान और दान के बाद ही दिनचर्या को आगे बढ़ा सकते हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में थे। आंशिक सूर्यग्रहण के दौरान वह वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला गए। वहां वैज्ञानिक एहतिहात के साथ ग्रहण देखा। एक्सपर्टस से इसके विभिन्न पहलुओं की जानकारी ली।

बार-बार नोएडा आकर तोड़ा मिथक
यह पहला अवसर नहीं है, जब योगी आदित्यनाथ ने ऐसा किया। मुख्यमंत्री बनने के बाद बार-बार नोएडा जाकर वहां को लेकर राजनीति में प्रचलित मिथक को तोड़ा। यही नहीं सार्वजिनक रूप से कहा भी था कि मैं नोएडा जाता रहूंगा और दुबारा मुख्यमंत्री भी बनूंगा और हुआ भी यही है।

अयोध्या से भी खास लगाव
यही नहीं राजनीतिक वजहों से उनके पूर्ववर्ती अयोध्या जाना तो दूर उसका नाम लेने से भी बचते थे। उस अयोध्या का योगी ने बार-बार दौरा किया। आज उनकी अगुआई में अयोध्या का कायाकल्प हो रहा है। साथ ही उनके गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के सपनों के मुताबिक श्रीरामजन्म भूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण भी हो रहा है।

परंपरा तोड़ वह दुर्घटना पीड़ितों के बीच पहुंचे थे योगी आदित्यनाथ
जनता के दुख दर्द में सहभागी बनने के लिए उन्होंने गोरक्षपीठ की नवरात्र से जुड़ी एक परंपरा को भी तोड़ा था। उनके सांसद रहने के दौरान एक बार गोरखपुर में ट्रेन दुर्घटना हुई थी। तब नवरात्र अनुष्ठान के कारण वह मंदिर में ही प्रवास कर रहे थे। परंपरा तोड़ वह दुर्घटना पीड़ितों के बीच पहुंचे थे।

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