Tricity Today | उत्तराखंड के कार्यक्रम में शामिल हुए योगी आदित्यनाथ
New Delhi : नई दिल्ली में आयोजित उत्तराखंड के कार्यक्रम रैबार-2 में विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने उत्तराखंड से हो रहे लगातार पलायन पर गंभीर चिंता व्यक्त की। अंबेडकर भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जहां देश के अन्य हिस्सों में जनसंख्या बढ़ रही है, वहीं उत्तराखंड में यह निरंतर घट रही है, जो एक चिंताजनक स्थिति है।
तीर्थस्थलों को विकसित करने की जरूरत
मुख्यमंत्री ने पलायन रोकने के लिए पर्यटन क्षेत्र में विकास पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में आध्यात्मिक और साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे प्रमुख तीर्थस्थलों को पर्यटन केंद्रों के रूप में विकसित करने की आवश्यकता है। साथ ही, प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर पहाड़ी क्षेत्रों में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देकर मैदानी क्षेत्रों के लोगों को आकर्षित किया जा सकता है। वन संरक्षण जरूरी- योगी आदित्यनाथ
रोजगार की समस्या को संबोधित करते हुए योगी ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में विकास की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने सुझाव दिया कि उत्तराखंड की दक्षिणी पहाड़ियों का उपयोग सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए किया जा सकता है, जो रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। वन संरक्षण पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने वनों की कटाई और जंगल की आग जैसी समस्याओं से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि वन राज्य की अमूल्य संपदा हैं और इनका संरक्षण आवश्यक है। 'योगी रामराज्य' और 'हिल मेल' का विमोचन किया
कार्यक्रम के दौरान योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले कार्यकाल पर आधारित पुस्तक 'योगी रामराज्य' और 'हिल मेल' का विमोचन भी किया। इस अवसर पर उन पर बनी एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई। उन्होंने उत्तराखंड को न केवल देवभूमि के रूप में, बल्कि देश और दुनिया के लिए एक प्रतिभा की नर्सरी के रूप में भी सराहा, जहां के लोग विश्व भर में अपनी ईमानदारी और कर्मठता के लिए जाने जाते हैं।