Big News From Ghaziabad Samples Of The Society Of Rjanagar Extension Failed Again Water Containing Bacteiria Increased The Anger Of The Health Department Dso Said Action Will Be Taken
गाजियाबाद से बड़ी खबर : राजनगर एक्सटेंशन की इस सोसायटी के सैंपल फिर फेल, दूषित पानी ने बढाया स्वास्थ्य विभाग का पारा, DSO बोले, कार्रवाई होगी
Ghaziabad News: राजनगर एक्सटेंशन में केडब्ल्यू सृष्टि सोसायटी के निवासी कैसे पानी पी रहे हैं, स्वास्थ्य विभाग भी इस बात को समझ पाने में खुद का असमर्थ पा रहा है। दरअसल स्वास्थ्य विभाग ने सोसायटी के पेयजल को लेकर मिली शिकायतों के बाद पांच नमूने लेकर जांच कराई थी, और पांचों नमूने गुणवत्ता मेंं न केवल फेल हो गए थे पीने के पानी में खतरनाक बैक्टीरिया मिला था। जिला सर्विलांस अधिकारी (डीएसओ) डा. राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि उसके बाद शनिवार को सोसायटी से 23 सैंपल लेकर जांच को भेजे गए थे, इस बार भी सारे सैंपल फेल हो गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग करेगा बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई
डीएसओ डा. राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि बिल्डर को फिर से नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है। फिर से जांच के लिए भेजे गए सभी सैंपल फेल होने से मामला गंभीर हो गया है। मामले में विभाग सख्त कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि दूषित और बैक्टीरिया युक्त पानी पीने से सोसायटी के लोगों का स्वास्थ्य खतरे में है। इन लोगों को किडनी और पित्त की थैली में गंभीर इंफेक्शन हो सकता है। उन्होंने कहा कि सोसायटी में पीने के पानी की हालत बहुत खराब है। पानी में में खतरनाक बैक्टीरिया पनप रहे हैं। पीने के पानी में क्लोरीन भी नहीं मिलाई जा रही है। पानी के टैंकोंमें बरसात का पानी सीधा जा रहा था।
जीडीए को भी भेजी गई थी सूचना
डीएसओ डा. राकेश गुप्ता ने बताया कि केडब्ल्यू सृष्टि सोसायटी पानी का टीडीएस भी 600 से ज्यादा पाया गया है। मामले की सूचना गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) को भी दी गई थी। जिला सर्विलांस अधिकारी ने बताया कि शनिवार को भी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सोसायटी का दौरा किया था और अलग - स्थानों से पीने के पानी के सैंपल लिए थे। 23 सैंपल फिर जांच के लिए भेज गए और एक भी सैंपल मानकों पर खरा नहीं उतरा।
पानी की लाइन में नहीं मिले क्लोरीन डोजियर
पीने के पानी में वलोरीन का होना बहुत जरूरी है, इसके लिए पानी की लाइन में डोजियर लगाए जाते हैंजोर एक निश्चित मात्रा में क्लोरीन छोड़ते रहते हैं। लेकिन सोसायटी की पानी की लाइनों में कहीं भी क्लोरीन डोजियर लगे हुए नहीं मिले डीएसओ ने बताया कि शनिवार को सोसायटी के सभी पानी के टैंकों, स्टोरेज टैक और कई स्थानों से पानी के 30 सैंपल लिए गए हैं। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
बैक्टीरिया से होते हैं गंभीर संक्रमण
जिला सर्विलांस अधिकारी ने बताया कि बैक्टीरिया वाले पानी से डायरिया का संक्रमण तो ने का होता ही है, लेकिन कुछ बैक्टीरिया ऐसे भी होते हैं जो आंतों और पित्त की थेली को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं। बैक्टीरिया से आंतों का गंभीर इंफेक्शन और आंतों ें छेद तक हो सकते हैं। डसके अलावा किडनी पर भी बेक्टीरिया युक्त पानी का बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। बैक्टीरिया पित्त की थैली में स्थायी रूप से संक्रमण कर देते हैं, जिसके कारण पित्त की थैली खराब हो जाती है और उसे निकालना ही पड़ता है।