गाजियाबाद पुलिस ने साथी समेत दबोचा नटवरलाल, IPS बनकर पुलिस को ही धमकाने चला था

बड़ी सनसनी : गाजियाबाद पुलिस ने साथी समेत दबोचा नटवरलाल, IPS बनकर पुलिस को ही धमकाने चला था

गाजियाबाद पुलिस ने साथी समेत दबोचा नटवरलाल, IPS बनकर पुलिस को ही धमकाने चला था

Tricity Today | पुलिस हिरासत में अनिल कटियाल और विनोद कपूर, जानकारी देते एडीसीपी दिनेश कुमार पी., साथ में डीसीपी निमिष पाटिल।

Ghaziabad News : गाजियाबाद पुलिस ने दो शातिर ठग गिरफ्तार किए हैं। इनमें से एक खुद को रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी और वर्तमान में गृह मंत्रालय में सलाहकार बताकर अधिकारियों का धमकाता था और उन पर मामलोंं को रफा- दफा कराने या फिर लाईसेंस आदि जारी कराने के अनैतिक दवाब डाला था। इस कथित रिटायर्ड आईपीएस ने गाजियाबाद पुलिस के साथ भी ऐसा ही करने का प्रयास किया। पुलिस ने “नटवरलाल” और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया है।

सीपी और डीसीपी के PRO को धमकाया था
एडीसीपी ने दिनेश कुमार पी. ने बताया कि इस कथित रिटायर्ड आईपीएस का नाम अनिल कटियाल है। जिसे दिल्ली के ग्रेटर कैलाश स्थित आवास से और उसके साथी विनोद कपूर को गुड़गांव में डीएलएफ स्थित उसके आवास से गिरफ्तार किया गया है। विनोद कपूर के खिलाफ इंदिरापुरम थाने में धोखाधड़ी का एक मुकदमा दर्ज है। उसी मामले में अनिल कटियाल ने गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस के अधिकारियों पर दवाब बनाने का प्रयास किया था।

बोला, जिंदगी भर चक्की पिसवाऊंगा
एडीसीपी ने बताया कि 68 वर्षीय अनिल कटियाल ने 14 नवंबर को डीसीपी (ट्रांस हिंडन) के पीआरओ एसआई नीरज राठौर और पुलिस कमिश्नर कार्यालय में तैनात एसआई केके शर्मा पर कॉल करके धमकी दी कि मेरी बात नहीं सुनोगे तो जिंदगी भर जेल में चक्की पिसवा दूंगा। मुकदमा दर्ज कराकर आजीवन कारावास की सजा करा दूंगा। इतना ही नहीं इंदिरापुरम में विनोद कपूर के खिलाफ दर्ज मामले के विवेचक को भी धमकी दी गई।

पीआरओ ने शातिर को नामजद कराया था
एडीसीपी दिनेश कुमार पी. ने बताया कि बुधवार को एसआई नीरज राठौर की ओर से साहिबाबाद थाने में अनिल कटियाल और विनोद कपूर के खिलाफ गलत पहचान बताते हुए अधिकारियों पर दवाब बनाने सरकारी कार्य में बाधा डालने और लोगों से धोखाधड़ी कर अवैध वसूली करने और पुलिस के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर आजीवन कारावास कराने की धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया गया था।

दिल्ली और गुरुग्राम में भी ऐसे कारनामें करने के साक्ष्य
एडीसीपी ने बताया कि दोनों के खिलाफ दिल्ली और गुरुग्राम में भी अधिकारियों पर दवाब बनाकर दलाली करते हुए आर्थिक लाभ कमाने के साक्ष्य मिले हैं। आरोप है कि अ‌निल कटियाल खुद 1979 बैच का रिटायर्ड आईपीएस (मणिपुर कैडर) अधिकारी बताते हुए गृह मंत्रालय में सलाहार होने का दावा करता था। गाजियाबाद में अधिकारियों से मुलाकात के दौरान भी उसने अपना यही परिचय दिया था।

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