Tricity Today | भाजपा की ममता त्यागी निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं
Ghaziabad Jila Panchayat Chunav : शनिवार की सुबह से गाजियाबाद में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर चल रहे हाईवोल्टेज ड्रामे के बीच भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) की उम्मीदवार ममता त्यागी निर्विरोध निर्वाचित हो गई हैं। हालांकि अभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी उन्हें विजय घोषित करेंगे, लेकिन विपक्ष की ओर से कोई नामांकन दाखिल नहीं हो पाने के कारण उनका निर्विरोध निर्वाचन तय है। ममता त्यागी भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष बसंत त्यागी की पत्नी हैं।
गाजियाबाद से मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार ममता त्यागी ने शनिवार की दोपहर जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया था। ममता त्यागी भारतीय जनता पार्टी के जिला, महानगर, क्षेत्रीय पदाधिकारियों और विधायकों के साथ कलेक्ट्रेट में नामांकन दाखिल करने गई थीं। दूसरी ओर समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन की उम्मीदवार नसीमा अपना नामांकन दाखिल नहीं कर पाई हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए केवल एक नामांकन दाखिल होने के कारण ममता त्यागी का निर्विरोध निर्वाचन सुनिश्चित है। हालांकि अभी नामांकन पत्र की जांच, नाम वापसी और बाकी कानूनी प्रक्रिया जिला निर्वाचन अधिकारी को पूरी करनी है। इसके बाद ही उन्हें विजयी घोषित किया जाएगा। ममता त्यागी के निर्विरोध निर्वाचन से गाजियाबाद भारतीय जनता पार्टी में उत्साह है।
सुबह से सपा-रालोद के कार्यकर्ता कर रहे हैं बवाल
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर बागपत के साथ गाजियाबाद में भी हंगामा चल रहा है। शहर में लिंक रोड पर कंट्री-इन होटल के बाहर समाजवादी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए। पार्टी का आरोप है कि सपा समर्थित जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी की प्रस्तावक को भारतीय जनता पार्टी ने बंधक बनाकर होटल में रखा है। प्रस्तावक के कलेक्ट्रेट नहीं पहुंचने से समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी नामांकन नहीं कर पा रहा है। बंधक जिला पंचायत सदस्य का नाम रजनी खटीक बताया गया है। इस सारे हंगामे के बावजूद समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी निर्धारित समय तक अपना नामांकन दाखिल नहीं कर पाई और अंततः भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार निर्विरोध जीत की ओर आगे बढ़ गई हैं।
सपा ने भाजपा पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया
सपा नेता मनमोहन झा ने बताया कि शनिवार को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हुई है। सपा और राष्ट्रीय लोकदल की ओर से नसीमा बेगम को प्रत्याशी बनाया गया है। सुबह जानकारी मिली कि नसीमा बेगम की प्रस्तावक रजनी खटीक को भाजपा नेताओं ने बंधक बना लिया है। उन्हें शहर के फाइव स्टार होटल कंट्री-इन में बंधक बनाकर रखा गया है। यह जानकारी मिलते ही समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के सैकड़ों कार्यकर्ता होटल के बाहर एकत्र हो गए। उनका आरोप है कि भाजपा के कई नेताओं ने रजनी खटीक को होटल के अंदर बंधक बना लिया है। भाजपा के नेता विरोध देखकर चुपचाप उनको लेकर चले गए हैं। एक विधायक पर भी सपाइयों ने बंधक बनाने का आरोप लगाया है। होटल के बाहर अभी भी सपाइयों की भीड़ लगी हुई है।
जिला पंचायत में 2 सदस्यों के बावजूद जीत गई भाजपा
गाजियाबाद जिला पंचायत में भारतीय जनता पार्टी के केवल 2 सदस्य हैं। इनमें से एक खुद ममता त्यागी हैं। इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष पद पर जीत हासिल करने में कामयाब हो गई है। बहुजन समाज पार्टी सबसे बड़ा दल है। जिला पंचायत में 14 सदस्य हैं। बहुजन समाज पार्टी के 5 सदस्य हैं। समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के 3-3 सदस्य हैं। एक निर्दलीय सदस्य है। जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर काबिज होने के लिए कम से कम 8 सदस्यों की जरूरत थी। सपा और रालोद गठबंधन का आंकड़ा 6 तक पहुंच रहा था। गठबंधन भाजपा के मुकाबले बहुमत के ज्यादा करीब था। लेकिन महज 2 जिला पंचायत सदस्यों के बूते भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष पद पर कार्य हो गई है। विपक्ष सत्तारूढ़ भाजपा पर जोड़-तोड़, खरीद-फरोख्त और सत्ता का दुरुपयोग करने जैसे आरोप लगा रहा है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के पंचायत चुनाव प्रभारी रहे महामंत्री हरीश ठाकुर का कहना है कि बड़ी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवारों ने भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आस्था जाहिर की है। पिछले 2 सप्ताह के दौरान इन जिला पंचायत सदस्यों ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भाजपा के पास 75 फ़ीसदी सदस्य हैं। गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और मुरादाबाद में विपक्षी दलों को नामांकन करने के लिए अनुमोदक और प्रस्तावक भी नहीं मिले हैं। पश्चिम उत्तर प्रदेश के बाकी 10 जिलों में मतदान होगा। इन सभी जिलों में मतदान के जरिए भी भाजपा के अध्यक्ष निर्वाचित होंगे।