Ghazioabad News : गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन (जीपीए) के मीडिया प्रभारी विवेक त्यागी ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर बताया कि पुलिस ने एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी को उनके घर पर नजरबंद कर लिया है। इस वीडियो में दो महिला पुलिसकर्मी भी बैठी नजर आ रही हैं। उन्होंंने कहा है कि एक माह में ऐसा दूसरी बार हो रहा है जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शहर में हैं और गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के पदाधिकारी नजरबंद कर दिए गए हैं। विवेक त्यागी ने मुख्यमंत्री से सवाल किया है कि क्या शिक्षा के अधिकार की आवाज उठाना अपराध है। क्या राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों द्वारा बच्चों के दाखिले न लेने पर आवाज उठाना अपराध है?
शिक्षा के मुद्दे से क्यों भागना चाहते हैं मुख्यमंत्री
जीपीए के मीडिया प्रभारी विवेक त्यागी ने एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी के घर से वीडियो जारी कर कहा है कि मुख्यमंत्री शिक्षा के मुद्दे से क्यों भागना चाहते हैं? गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन लगातार आरटीई के गरीब बच्चों के एडमिशन की आवाज उठा रहा है। लगातार छह माह से आरटीई के तहत चुने गए गरीब बच्चे स्कूलों के धक्के खा रहे हैं, अधिकारियों के धक्के खा रहे हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के धक्के खा रहे हैं लेकिन उनको निजी स्कूल दाखिले नहीं दे रहे हैं। अधिकारी नोटिस और चेतावनी तक सीमित हैं। यह आवाज हम मुख्यमंत्री तक पहुंचाना चाहते हैं तो ये गुनाह नहीं है।
एक्ट से सूबे के एक भी अभिभावक को नहीं मिला लाभ
हम कहते हैं कि प्राइवेट स्कूल अभिभावकों से कॉपी, किताब, स्टेशनरी, मौजे, जूते और वार्षिक शुल्क और मोटी फीस के नाम पर लूट की जा रही है, इस आवाज को हम मुख्यमंत्री जी तक पहुंचाना चाहते हैं तो ये गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन गुनाह नहीं कर रही है। विवेक त्यागी ने कहा है कि मुख्यमंत्री जी आपने 2018 में , जब गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने कविनगर रामलीला मैदान में प्रोटेस्ट किया था, तब आपने फीस रेगुलेटिंग एक्ट बनाया था और आपने घोषणा की थी कि मैने पेरेंट्स की पीड़ा को समझा है, लेकिन आपके द्वारा बनाए गए फीस रेगुलेटिंग एक्ट से प्रदेश के एक भी अभिभावक को लाभ नहीं मिला है।
नजरबंद कराने को लोकतंत्र की हत्या बताया
जिला स्तरीय शुल्क नियामक समिति भी सभी जिलों में नहीं बनी है और कोई भी जिलाधिकारी रेगुलेटिंग एक्ट के आधार पर अभिभावकों को लाभ नहीं दिलवा पा रहा है और उत्तर प्रदेश सरकार ने खुद इस एक्ट को डमी रेगुलेटिंग एक्ट बना दिया है, अगर ये आवाज हम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक पहुंचाना चाहते हैं तो ये गुनाह नहीं है। आप हर बार गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों को नजरबंद करा देते हैं तो ये लोकतंत्र की हत्या है। बदलाव होकर होगा और गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन हमेशा गरीब बच्चों की आवाज उठाती रहेगी। उन्होंने अभिभावकों से भी अपील की है कि सरकार के समक्ष अपनी आवाज बुलंद करते रहें।
सुबह पांच बजे ही पहुंच गई थी पुलिस
जीपीए के मीडिया प्रभारी ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के एक महीने में लगातार दूसरी बार गाजियाबाद आगमन से पहले ही शिक्षा व्यवस्था में बदलाव और अभिभावकों की आवाज उठाने वाली संस्था गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी और पदाधिकारियों को नजर बंद करने सुबह 5 बजे ही पुलिस उनके आवास पर पहुंच गई थी। ऐसा प्रतीत होता है शिक्षा के मुद्दे से सरकार खौफ में और शिक्षा माफियाओं के दबाव में है।