अनपढ़ वाहन चोरों के कारनामे सुन रह जाएंगे हैरान, कार स्वामियों की गलतफहमी दूर कर देगी ये खबर

गाजियाबाद पुलिस का खुलासा : अनपढ़ वाहन चोरों के कारनामे सुन रह जाएंगे हैरान, कार स्वामियों की गलतफहमी दूर कर देगी ये खबर

अनपढ़ वाहन चोरों के कारनामे सुन रह जाएंगे हैरान, कार स्वामियों की गलतफहमी दूर कर देगी ये खबर

Tricity Today | शातिर गैंग का खुलासा करते एसीपी अभिषेक श्रीवास्तव।

Ghaziabad News : मधुबन- बापूधाम थाना पुलिस के साथ मिलकर क्राइम ब्रांच ने ऐसे वाहन चोर पकड़े हैं कि इनके कारनामे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। पुलिस के हत्थे चढ़े वाहन चोरों में दो बिल्कुल अंगूठा टेक हैं और तीसरा मात्र दसवीं तक पढ़ा है लेकिन कार चोरी करने में तीनों पूरे हाईटेक। इनके कारनामे सुनकर बड़े- बड़े इंजीनियर बगले झांकने को मजबूर हो जाएंगे।

डिकोडिंग कर तैयार कर लेते थे नकली चाबी
लग्जरी कार मालिक मानते हैं कि उनकी कार की चाबी की कॉपी नहीं की जा सकती, लेकिन ये उनकी गलतफहमी है और इस खबर को पढ़ने के बाद उनकी यह गलतफहमी दूर हो जाएगी। क्राइम ब्रांच और मधुबन- बापूधाम थाना पुलिस द्वारा दबोचे गए शकील उर्फ भुरवा, हसीन और कैसी भी कार की चाबी पलक झपकते ही तैयार कर लेते थे। एसीपी कविनगर अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि इस काम को वह डिकोडिंग कर अंजाम देते थे, ज्यादा कुछ नहीं इसके लिए वे अपने एक टैब रखते थे। पुलिस ने शातिरों के कब्जे से टैब भी बरामद किया है।

ऑन डिमांड चोरी करते थे लग्जरी कारें
एसीपी अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि यह गैंग ऑन डिमांड लग्जरी कारें ही चोरी करता था। अभियुक्तों की निशानदेही पर तीन ब्रेजा, तीन स्विफ्ट, एक फ्रोन्क्स और एक होण्डा सिटी कार के अलावा चोरी करने में प्रयुक्त किया जाने वाले टैबलेट व चाबियाँ बरामद हुई हैं। जिस कार की डिमांड होती थी, पहले उसकी रेकी करते थे और मौका पाकर टैबलेट के जरिए डीकोडिंग करते हुए नकली चाबी बना लेते थे। इसके बाद गाड़ी को कुछ दूर ले जाकर उसकी नंबर प्लेट बदल देते थे। एक स्थान पर छिपाने के साथ ही डिमांड करने वाले साथी को बुलाकर उसके हवाले कर देते थे। अधिकतर गाडियां राजस्थान जाती थीं, जहां से समीर, अरशद व अब्दुल खालिक आकर गाडियां ले जाने के बाद एक्सीडेन्टल व टोटल लॉस की गाडियों के इंजन व चेसिस नंबर चोरी की गाडियों पर टैंपर करके बेच देते थे।

शकील के खिलाफ दर्ज हैं  29 मुकदमे
गैंग के सरगना शकील उर्फ भुरवा ने बताया कि वह अनपढ़ है और ट्रक पर ड्राईवरी करता था, 2010 में सलमान के संपर्क में आया और उसके साथ वाहन चोरी व लूट की वारदात करने लगा। सलमान के साथ ही वह पहली बार जेल गया था। शकील के खिलाफ दिल्ली- एनसीआर, मेरठ और बिजनौर में 29 मुकदमे दर्ज हैं।

शकील ने 2022 में बनाया था अपना गैंग
मेरठ जनपद के मंडाली थाानाक्षेत्र में जसोरा गांव निवासी शकील उर्फ भुरवा ने 2022 में असलम, राशिद काला, हसीन, अज्जू उर्फ अजरूद्दीन, हाफिज, अरशद, अब्दुल खालिक व समीर सक्रिय सदस्य हैं। मांग के मुताबिक दिल्ली- एनसीआर से लग्जरी गाडियों को चोरी कर उनके इंजन व चेसिस में टैंपरिंग करके फर्जी कागज तैयार कर दूसरे राज्यों में बेच देते हैं।

हसीन पर दर्ज हैं 13 मुकदमे
मेरठ जनपद के थाानाक्षेत्र किला परीक्षितगढ़ में अलियापुर खजूरी गांव निवासी 30 साल का हसीन पुत्र रहीसुद्दीन ने बताया कि वह भी अनपढ़ है, गांव में मजदूरी करता था, 2019 में वह असलम के संपर्क में आया और  लग्जरी कारें चोरी करने लगा। 2022 से शकील के गिरोह‌ में शामिल होकर अपने साथियों के साथ ऑन डिमांड लग्जरी कारें चोरी करके सप्लाई करने लगा। हसीन के खिलाफ दिल्ली, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर और हापुड़ में 13 मुकदमे हैं।

समीर ने जोधपुर में बना रखा है गोदाम
पुलिस के हत्थे चढ़ा शकील गैंग का तीसरा शातिर समीर राजस्थान के जोधपुर के सदर थानाक्षेत्र में  नागौरी गेट का रहने वाला है। 26 साल के समीर ने दसवीं तक पढ़ाई की है। उसने बताया कि पहले वह टायर पन्चर की दुकान करता था, बाद में वर्ष 2021 में स्पेयर पार्टस की दुकान खोली, दुकान चली नहीं। इस बीच वह जोधपुर के ही साजिद खान व अरशद के संपर्क में आया, जो दिल्ली- एनसीआर क्षेत्र से चोरी की गाडियां खरीदकर ले जाते थे। समीर उनके साथ जुड़कर ऑन डिमांड चोरी की कारों की खरीद-फरोख्त करने लगा, इसके लिए समीर ने जोधपुर में एक गोदाम बना रखा है।

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