Ghaziabad News : गाजियाबाद के पूर्व सांसद और पूर्व मंत्री जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह की बेटी की ओर से आनंद प्रकाश के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस कमिश्नर के आदेश पर कविनगर थाने में दर्ज हुए मामले में योगजा सिंह ने आरोप लगाया है कि आनंद प्रकाश ने मकान का सौदा कर कई बार में 3.38 करोड़ रुपये ले लिए मकान की रजिस्ट्री भी नहीं की। बता दें कि आनंद प्रकाश लोहा कारोबारी और हाईटेक इंस्टीट्यट के मालिक हैं।
2014 में साढ़े पांच करोड़ में हुआ था सौदा
योगजा सिंह ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि 14 जून, 2014 को साढ़े पांच करोड़ रुपये में आनंद प्रकाश ने राजनगर के मकान का सौदा किया था। उस समय उन्हें 10 लाख रुपए का एडवांस भुगतान किया गया था। साथ ही उनके द्वारा मकान की रिपेयरिंग में खर्च किए गए साढ़े चार लाख रुपये का अलग से भुगतान कर दिया गया था। बाकी पैसा धीरे- धीरे देने की बात हुई थी।
बैंक से लोन के लिए करार किया
योगजा सिंह ने अपनी तहरीर में कहा है कि उन्हें बैंक से लोन लेने के लिए दस्तावेज की जरूरत थी, इसलिए 13 फरवरी, 2017 को दोनों पक्षों के बीच एक सेल डीड साइन की गई। उसके बाद आनंद प्रकाश को साढ़े 33 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए। मूल दस्तावेज देने के लिए उन्होंने और पैसे दिए जाने की मांग की, उसके बाद 2018, 2019 और 2023 में एक- एक करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
बैनामा न करने का आरोप लगाया
आरोप है कि 2023 में बैंक से लोन मंजूर होने पर आनंद प्रकाश से बाकी रकम के भुगतान और बैनामा करने के लिए कहा गया लेकिन उन्होंने बैनामा करने से इंकार कर दिया। योगजा सिंह ने गलत तथ्यों के आधार पर नोटिस भेजने की बात कही है, और तहरीर में बताया कि उन्होंने नोटिस का जवाब दे दिया, लेकिन उसके बाद भी वह मकान का बैनामा करने को तैयार नहीं हुए।
कब्जा करने के प्रयास का आरोप भी लगाया
योगजा सिंह ने आरोप लगाया है कि आनंद प्रकाश उनके परिवार को मकान से निकालकर कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने किराए की फर्जी रसीद बनाकर कोर्ट में दाखिल कर दीं। मामले में एसीपी कविनगर अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है। जांच के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी।
किराए पर दिया था मकान
दूसरी ओर से आनंद प्रकाश का कहना है कि उन्होंने मकान का सौदा नहीं किया। केवल किराए पर रहने के लिए मकान दिया गया था। आनंद प्रकाश का कहना है कि शुरू में 18 माह तक उन्होंने किराया दिया भी था, लेकिन बाद में किराया देना बंद कर दिया। मकान का सौदा होने की बात को उन्होंने निराधार बताया है। आनंद प्रकाश का कहना है कि उन्होंने कोर्ट में वाद दायर किया हुआ है। उनके खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर झूठे आरोपों पर आधारित है।