106 कागजी फर्म और मिलीं, तीन गिरफ्तार, इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम कर लगा रहे थे अरबों रुपये का चूना

गाजियाबाद में फर्जीवाड़ा : 106 कागजी फर्म और मिलीं, तीन गिरफ्तार, इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम कर लगा रहे थे अरबों रुपये का चूना

106 कागजी फर्म और मिलीं, तीन गिरफ्तार, इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम कर लगा रहे थे अरबों रुपये का चूना

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Ghaziabad News : कागजी फर्म के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट डकारने का एक और मामला सामने आया है। दो भाईयों ने एक अन्य के साथ मिलकर 106 फर्म बनाईं और 2605 करोड़ रुपये का कारोबार कागजों में ही कर डाला। जीएसटी अधिकारियों द्वारा की गई जांच में सामने आया है कि इन फर्मों के नाम पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के 269 करोड़ रुपये डकार लिए गए। तीनों आरोपियों को हिरासत में लेकर सीजेएम मेरठ की कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

दिल्ली के रहने वाले हैं दोनों भाई
जीएसटी में घपलेबाजी के आरोप में गिरफ्तार किए गए दोनों भाई विक्रांत और सचिन दिल्ली में योजना विहार में रहते हैं, तीसरा आरोपी गौरव जैन आनंद विहार इलाके का रहने वाला है। इन तीनों ने मिलकर गाजियाबाद के पते पर 106 कागजी फर्म रजिस्टर्ड कराई। इसके बाद गाजियाबाद के अलावा दिल्ली, हरियाणा और पंजाब समेत कई राज्यों में कारोबार करना दिखाया गया।

बिल्डिंग मैटीरियल का कारोबार बताया
विभाग के इंटेलीजेंस विंग की स्थानीय इकाई द्वारा की गई जांच में सामने आया कि इनपुट टैक्स क्रेडिट के जालसाजी करने के लिए इन फर्मों के जरिए बिल्डिंग मैटीरियल का कारोबार होना दिखाया गया। जांच पूरी करने के बाद टीम अभियुक्तों को गिरफ्तार करने पहुंची लेकिन तीनों भागकर उत्तराखंड पहुंच गए। टीम ने उत्तराखंड से ही तीनों को हिरासत में लेकर सीजेएम मेरठ की कोर्ट में पेश कर दिया।

रजिस्ट्रेशन के लिए जाली दस्तावेज इस्तेमाल
इंटेलीजेंस की जांच में यह बात भी सामने आई है कि फर्म रजिस्ट्रेशन के लिए जाली दस्तावेज प्रयोग किए गए थे। उन्हीं जाली दस्तावेज से सिम कार्ड भी खरीदे गए, विभाग को देने के लिए इन्हीं नंबरों का प्रयोग किया गया। सारी जानकारी को कर्मचारी के द्वारा क्लाउड में सेव करके रखा गया था। डेटा देख अधिकारियों के होश उड़ गए। विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस तरह के अभी कुछ और मामले भी प्रकाश में आ सकते हैं।

एक कर्मचारी रखता था लेखा-जोखा
इन लोगों ने कागजी फर्मों का लेखा जोखा रखने के ल‌िए एक कर्मचारी रखा हुआ था। फर्मों का डेटा कर्मचारी ने क्लाउड पर रखा हुआ था। विभाग ने डेटा अपने कब्जे में ले लिया है। इसी डेटा से अधिकारियों को पूरे खेल की जानकारी हुई। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कर्मचारी को पंजाब भागते समय पकड़ लिया गया है।

दो दिन पहले ही खुला था एक और मामला
छत्रपाल शर्मा और गौरव तोमर द्वारा बड़े पैमाने पर की जा रही इनपुट टैक्स क्रेडिट की घपलेबाजी पकड़े जाने के बाद ऐसा ही दूसरा मामला सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। गौरव तोमर के साहिबाबाद स्थित घर पर छापेमारी के दौरान टीम ने काफी दस्तावेज बरामद किए थे। जांच के साथ ही उस मामले की जांच का दायरा भी बढ़ रहा है। इनपुट टैक्स क्रेडिट की घपलेबाजी करने के लिए शातिर बिना कोई वास्तविक कारोबार किए बिना ही फर्जी इनवॉयस तैयार कर टैक्स क्रेडिट क्लेम करते हुए सरकार को चूना लगा देते हैं।

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