साढ़े छह साल बाद बदहाली से निकलने की उम्मीद जगी, अगले साल तक लौटेगी रौनक

गाजियाबाद का हज हाउस फिर होगा आबाद: साढ़े छह साल बाद बदहाली से निकलने की उम्मीद जगी, अगले साल तक लौटेगी रौनक

साढ़े छह साल बाद बदहाली से निकलने की उम्मीद जगी, अगले साल तक लौटेगी रौनक

Tricity Today | File Photo Ala Hajrat Haj House

Ghaziabad News : साढ़े छह साल से अधिक समय से बंद पड़े आला हजरत हज हाउस के दिन अब बहुरेंगे, ऐसी उम्मीद जगी है। उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति के पदाधिकारियों हज हाउस का दौरा कर साफ- सफाई और मरम्मत के निर्देश दिए। उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति के सचिव एसपी तिवारी, समिति के सदस्य सरफराज अली, ओएसडी जावेद अली खान और जावेद खान गाजियाबाद पहुंचकर हज हाउस का निरीक्षण किया।

अगले साल हज हाउस से रवाना होंगे हज यात्री
निरीक्षण के बाद हज समिति के सचिव एसपी तिवारी ने कहा कि 2025 में पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के हज यात्रियों आला हजरत हज हाउस से रवाना करने की तैयारी है। उससे पहले हज हाउस की साफ- सफाई और मरम्मत का कार्य पूरा करा लिया जाएगा। यहां से यात्रा शुरू करने वाले पुरुषों को विशेष बेल्ट और महिलाओं को एक विशेष स्कार्फ दिया जाएगा। बैल्ट और स्कार्फ के जरिए हज यात्रियों के भारतीय होने की अलग से पहचान हो सकेगी।

सपा सरकार ने 50 करोड़ की लागत से बनवाया था
हिंडन किनारे 4.3 एकड़ में फैले हज हाउस का निर्माण समाजवादी पार्टी की सरकार ने 50 करोड़ की लागत से कराया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2016 में इसका लोकार्पण किया था। उसी साल कुछ हज यात्री भी यहां से रवाना किए गए थे। फरवरी, 2018 में नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) न होने के चलते हिंडन को प्रदूषित करने की बात पर बंद करा दिया था।

18 हजार हज यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था
समिति के सचिव एसपी तिवारी ने बताया, "हमने हज हाउस का निरीक्षण किया है, अगले साल मई-जून में होने वाली हज यात्रा से पहले ‌हज हाउस की मरम्मत का काम पूरा कराने की योजना पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के लगभग आधे तीर्थयात्री पश्चिमी यूपी के जिलों से ही आते हैं, इन्हीं लोगों के ल‌िए हज हाउस का निर्माण किया गया था। पिछले साल, पश्चिमी यूपी के जिलों से 18,000 तीर्थयात्री हज के लिए गए थे। 37 वीआईपी कमरे और 47 हॉल वाली इस छह मंजिला इमारत में 1,886 तीर्थ यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था है।

एनजीटी के आदेश पर लगा एसटीपी
एनजीटी ने मामले की सुनवाई के दौरान एसटीपी ने होने पर भूजल और हिंडन के जल को प्रदूषण के खतरे पर हज हाउस को बंद कराते हुए रोजाना 136 किलोलीटर क्षमता वाला एसटीपी लगाने के निर्देश दिए थे। उसके बाद हज ह‌ाउस की निर्माण एजेंसी जल निगम के परियोजना प्रबंधक (कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज) ने एसटीपी लगाने का काम पूरा किया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय टीम ने 20 जून, 2019 को हज हाउस में नवनिर्मित एसटीपी का निरीक्षण कर 21 जून, 2019 को रिपोर्ट दी।

एनजीटी ने 2019 में खोलने की अनुमति दी
23 जुलाई, 2019 को एनजीटी ने एसटीपी के व्यवस्था के साथ हज हाउस खोले जाने की इजाजत दे दी थी। उस समय राज्य हज समिति ने इमारत का निरीक्षण कर मरम्मत पर दो करोड़ रुपये के खर्च का आकलन किया था। उसके बाद यह मुद्दा ठंडे बस्ते में चला गया और पांच साल का समय और गुजर गया। इतना समय गुजरने के बाद छह मंजिले आलीशान हज हाउस की हालत बदतर हो गई। तमाम कांच टूट गए। परिसर में झाड़ उग गए, फॉल सीलिंग गिर गई, निरीक्षण के दौरान बरसात में छत‌ टपकने का भी पता चला है।

हज हाउस का विवादों से नाता
30 मार्च, 2005 को हिंडन किनारे हज हाउस का शिलान्यास सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव ने किया था। शिलान्यास कार्यक्रम में मुलायम सिंह सरकार के कद्दावर मंत्री आजम खान साहिबाबाद थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर के व्यवहार से नाराज हो गए थे। यह मुद्दा उस समय काफी सुर्खियों में रहा था। इसके बाद 2016 में जब तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हज हाउस का लोकार्पण किया था तब कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केबिनेट मंत्री आजम खान ने डाॅ. भीमराव अंबेडकर को लेकर विवादित बयान दिया था। उसके बाद 2018 में एनजीटी ने एसटीपी न होने के चलते हज हाउस को सील करा दिया था।

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