Ghaziabad News : जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी पीयूष राय ने बताया कि ओ-लेवल और सीसीसी कम्प्यूटर प्रशिक्षण योजना के तहत युवक- युवतियों हेतु द्वितीय चरण के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर, 2024 कर दी गई है। उन्होंने बताया कि अन्य पिछड़े वर्ग के बेरोजगार युवक/युवतियों को ‘ओ लेवल एवं सीसीसी कम्प्यूटर प्रशिक्षण करने हेतु द्वितीय चरण के लिए ऑनलाइन आवेदन किये जाने की तिथि 10 अक्टूबर, 2024 थी, जिसे बढ़ाकर 30 अक्टूबर, 2024 किया गया है।
ऐसे करें ऑनलाइन आवेदन
जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी पीयूष राय ने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार की वेबसाइट http:||obccomputertraining.upsdc.gov.in/index.aspx पर दिये गये लिंक के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के संबंध में दिशा-निर्देश वेबसाइट पर प्रदर्शित कर दिये गये हैं, आवेदन करने से पूर्व उन्हें ध्यान पूर्वक अवश्य पढ़ें।
विकास भवन में जमा कराएं हार्ड कॉपी
आवेदन करने के उपरान्त ऑनलाइन भरे गये आवेदन का प्रिन्टआउट निकाल लें और उस पर हस्ताक्षर करने समस्त दस्तावेजों की प्रति संलग्न करते विकास भवन स्थित जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी कार्यालय में अंतिम तिथि 30 अक्टूबर 2024 को सायं 5ः00 बजे तक जमा करा दें। उसके बाद प्राप्त आवेदनों पर विभाग की ओर से विचार नहीं किया जाएगा।
सीसीसी कंप्यूटर प्रशिक्षण क्या है
सीसीसी कंप्यूटर कोर्स एक तरह से कंप्यूटर साक्षरता है। इसका मतलब कंप्यूटर कॉन्सेप्ट्स पर कोर्स (Course on Computer Concepts) है। यह भारत सरकार के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (NIELIT) द्वारा कराया जाने वाला एक सरकारी प्रमाणन कोर्स है। इस कोर्स का मकसद कंप्यूटर और डिजिटल तकनीकों के बारे में बुनियादी जानकारी देना और उनका इस्तेमाल करना सिखाना है।
“ओ” लेवल कोर्स के बारे में भी जानें
“ओ” लेवल कोर्स, सूचना प्रौद्योगिकी (I) का फाउंडेशन कोर्स है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD) और भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त यह कोर्स को करने के बाद ही छात्र सरकारी परीक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार का पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग भी “ओ” लेवल कंप्यूटर कोर्स कराता है। इसके लिए उम्मीदवार ओबीसी वर्ग से और 12वीं पास होना जरूरी है। इसके लिए अधिकतम आयु 35 वर्ष और परिवार की सालाना आय एक लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।