Tricity Today | गाजियाबाद सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों के साथकमेटी के अध्यक्ष सरदार मनजीत सिंह ।
Ghaziabad News : गाजियाबाद सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी (जीएसजीपीसी) कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। जीएसजीपीसी ने जिला प्रशासन के माध्यम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेजकर कंगना रनौत की फिल्म “इमरजेंसी” पर रोक लगाने की मांग की है। कमेटी के अध्यक्ष सरदार मनजीत सिंह का कहना है कि इस फिल्म के जरिए 1984 में सिखों को मिले जख्मों को कुरेदकर बैर बढ़ाने का काम किया है। इस फिल्म की रिलीज पर रोक लगाई जाए अन्य हमें आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सिखों की सबसे बड़ी संस्था शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) और दिल्ली गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी इस फिल्म को लेकर अपना रुख साफ कर चुकी है। हम मांग करते हैं इस फिल्म को बैन किया जाए।
देश में नफरत फैलाने वाली फिल्म नहीं चलने देंगे
सरदार मनजीत सिंह ने कहा कि इमरजेंसी फिल्म के ट्रेलर ने फिल्म की पूरी कहानी बयां कर दी है। फिल्म में सिखों को जालिम किस्म का दिखाया गया है। जो 1984 का दंगा 40 साल पहले हम भूल चुके उसकी याद ताजा कराकर कंगना रनौत ने देश में नफरत फैलाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि सिखो की कुर्बानियों को तो फिल्मों में दिखाया नहीं जाता, उन्हें जालिम और निर्दयी करके दिखाया जाता है। इस देश में सिखों की कुर्बानियां 90 प्रतिशत हैं। आज तीन करोड़ की आबादी आठ करोड़ को लंगर खिला रही है, वो नहीं बताया जाता। सिख के खिलाफ क्या बोलना है वो सबको पता है।
कहा, किसानों का अपमान करने वाली कंगना की सांसदी खत्म हो
किसान आंदोलन को लेकर दिए गए बयान पर भी सरदार मनजीत सिंह ने कंगना रनौत को घेरा। कंगना ने कहा कि किसान आंदोलन में लड़कियों के साथ रेप किया जाता था और रेप करके वहां लाशें टांग दी जाती थीं। इतना भद्दा, ऐसा बयान हिंदुस्तान की एक सांसद दे रही है, पार्टी ने उस बयान से किनारा करके पल्ला झाड़ रही है, मगर हम किसानों का यह अपमान कैसे बर्दाश्त करें। कंगना रनौत को पार्टी से निकालकर लोकसभा की सदस्यता खत्म कर देनी चाहिए। हमारे ज्ञापन के बाद भी यदि “इमरजेंसी” फिल्म पर रोक नहीं लगाई गई तो हमें अगला कदम उठाना पड़ेगा।
कंगना के खिलाफ धार्मिंक भावनााएं भड़कानें का मुकदमा हो
गाजियाबाद सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से कंगना रनौत के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने का मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की गई है। ज्ञापन में कहा गया है कि फिल्म इमरजेंसी के ट्रेलर से यह स्पष्ट है कि इसमें जान बूझकर सिखों के चरित्र को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है, जो एक गहरी साजिश का हिस्सा है। पूर्व में भी कंगना रनौत सिखों और सिख संस्थाओं के खिलाफ बयान बाजी करती रही हैं, जिसका बड़े पैमाने पर विरोध भी होता रहा है।
पंजाब के सभी सांसदों ने किया विरोध
गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के ज्ञापन में कहा गया है कि पंजाब से जितने भी सांसद चुनकर आए हैं सभी ने इस फिल्म का विरोध किया और उस पर रोक लगाने की मांग की है। सरबजीत सिंह खालसा सांसद फरीदकोट ने पत्र लिखकर मांग की है कि फिल्म पर रोक लगनी चाहिए, क्योंकि यह फिल्म पूरे देश में नफरत फैलाने का काम कर सकती है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एसजीपीसी अमृतसर ने भी इस फिल्म पर रोक लगाने की मांग की है तथा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी विरोध कर रोक लगने की मांग की है।
सिखों के खिलाफ षड़यंत्र करार दिया
गाजियाबाद सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से फिल्म को सिखों के खिलाफ षड़यंत्र करार दिया गया है। ज्ञापन में कहा गया है कि सिखों की कुर्बानियों को तो फिल्म दिखाया नहीं गया, उनको बदनाम करने के लिए इस फिल्म के जरिए षड़यंत्र रचा गया है, इसलिए इस फिल्म पर रोक लगाई जाए और कंगना रनौत के खिलाफ इमरजेंसी फिल्म के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला का मामला दर्ज किया जाए। फिल्म “इमरजेंसी” 6 सितंबर को सिनेमाघर में रिलीज होनी है, उससे पूर्व उस पर रोक लगाने की मांग गाजियाबाद सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी करती है।
प्रदर्शन में ये लोग रहे शामिल
जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन के दौरान तेजपाल सिंह बंटू, भूपेंद्र सिंह कालरा, जोगेंद्र सिंह, रविंद्र सिंह जॉली, हरदीप सिंह कोहली, जगतार सिंह भट्टी, रविंदरजीत सिंह, चरणजीत सिंह, दलजीत सिंह टिमी, सुरजीत सिंह टीटू, जसवीर सिंह बत्रा, कमलजीत सिंह, गुरचरण सिंह, हरपाल सिंह, हरेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह कोहली, मनजीत सिंह सेठी, जसबीर सिंह सलूजा, कुलवंत सिंह, परसोत्तम सिंह, जोगेंद्र सिंह बग्गू, हरदीप सिंह, ज्ञानी निर्मल सिंह, अमरजीत सिंह, भूपेंद्र सिंह, देवेंद्र सिंह जनकपुरी, धर्मेंद्र सिंह सोहल, अशोक मरवाह, रूपेंद्र सिंह स्वीटी, अवतार सिंह, आनंद मोहन पाल सिंह और सरदार जगमीत सिंह मुख्य रूप से शामिल रहे।