गाजियाबाद में चल रही वकीलों की महापंचायत, दिल्ली हरियाणा और पंजाब से पहुंचे अधिवक्ता

कोर्ट रूम में लाठीचार्ज का विरोध : गाजियाबाद में चल रही वकीलों की महापंचायत, दिल्ली हरियाणा और पंजाब से पहुंचे अधिवक्ता

गाजियाबाद में चल रही वकीलों की महापंचायत, दिल्ली हरियाणा और पंजाब से पहुंचे अधिवक्ता

Tricity Today | गाजियाबाद जिला मुख्यालय पर अधिवक्ताओं की महापंचायत।

Ghaziabad News : गाजियाबाद में कोर्ट रूम में हुए लाठीचार्ज के विरोध में अधिवक्ताओं की महापंचायत चल रही है। महापंचायत में यूपी के विभिन्न जिलों के अलावा दिल्ली, हरियाणा और पंजाब से भी अधिवक्ता पहुंचे हैं। वकीलों की संख्या को देखते हुए मामले की गंभीरता को समझा जा सकता है। गाजियाबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक शर्मा का कहना है कि कोर्ट रूम में लाठी चार्ज की घटना बहुत ही गंभीर और न्याय व्यवस्था को शर्मसार करने वाली है। वकील इस मामले में आरपार की लड़ाई का मन बना चुके हैं।

क्या है पूरा मामला
29 अक्टूबर को गाजियाबाद जिला जज अनिल कुमार की कोर्ट में वकीलों के साथ हुई तीखी नोंकझोक के बाद पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज कर दिया गया था। कोर्ट रूम में लाठीचार्ज के बाद गाजियाबाद समेत पूरे प्रदेश और यहां तक की दिल्ली के अ‌धिवक्ता भी आक्रोशित हो गए।इस घटना के विरोध में वकील चार नवंबर से हड़ताल पर चले गए। गाजियाबाद के वकील उसी दिन से हड़ताल कर धरने पर बैठे हैं। गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मेरठ, हापुड़, अमरोहा और मुरादाबाद समेत 22 जिलों के अधिवक्ता बेमियादी हड़ताल पर हैं।

क्या हैं वकीलों की मांगें
लाठीचार्ज के विरोध में 4 नवंबर से आंदोलन कर रहे वकीलों की मांग है कि जिला जज बर्खास्त किया जाए और लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई हो। कचहरी परिसर में बेमियादी धरने पर बैठे गाजियाबाद के वकीलों ने आगे की रणनीति बनाने के लिए आज महापंचायत बुलाई है। महांपचायत में कोई बड़ा निर्णय लिया जा सकता है। लाठीचार्ज के विरोध में जिला मुख्यालय के बाहर वकीलों की महापंचायत चल रही है। महापंचायत में यूपी के विभिन्न शहरों से आये वकीलों के साथ ही पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से भी वकील भी पहुंचे हैं।

रणनीति पर हो रही चर्चा
महापंचायत में इस बात को लेकर चर्चा चल रही है कि हाईकोर्ट तक अपनी बात किस तरह लेकर जानी है। आंदोलन शुरू होने के बाद आज की महापंचायत में वकीलों की संख्या सबसे अधिक है। बाहर से आए वकीलों में भी घटना को लेकर भारी रोष देखा जा रहा है।

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