Ghaziabad News : कविनगर थाना पुलिस ने मौज - मस्ती के लिए बेजुबान पर ज्यादती और उसकी मौत के मामले में आखिर एफआईआर दर्ज कर ली है। जी हां, हम ऊंट के उस बच्चे की बात कर रहे जिसे बीमार हालत में सवारी कराने के लिए राजनगर रामलीला समिति के द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा था और आखिर 8 अक्टूबर को ऊंट ने राजननगर रामलीला मैदान में दम तोड़ दिया था। रामलीला समिति ने मेले के दौरान लोगों को मौज मस्ती कराने के लिए ऊंट किराए पर लिए थे, इनमें से एक की मौत हो गई थी।
एफआईपीओ कार्यकर्ता ने की थी शिकायत
ऊंट की मौत को मामला संज्ञान में आने के बाद फेडरेशन ऑफ इंडियन एनिमल प्रोटेक्शन ऑर्गेनाइजेशन (एफआईपीओ) की अनामिका राणा ने कविनगर थाना पुलिस को मेल भेजकर शिकायत की थी। उसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखित शिकायत भेजकर आरोप लगाया था कि पुलिस और रामलीला समिति की मिलीभगत से मामला रफा- दफा करने की कोशिश की गई। ऊंट के बच्चे को पोस्टमार्टम कराए बिना ही शव का अंतिम संस्कार करते साक्ष्यों को मिटाने की कोशिश की गई।
बीमार ऊंट से काम लिए जाने पर हुई थी मौत
मामले में जांच के बाद कविनगर थाना पुलिस ने राजनगर रामलीला समिति के अध्यक्ष जय कुमार गुप्ता और मेला प्रबंधक एसएन अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। अक्टूबर में मेले में मौज-मस्ती के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ऊंट के बच्चे की मौत के बाद भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में कहा गया है कि ऊंट कई दिनों से बीमार था, उसे बहुत अधिक काम करना पड़ता था और उसे भोजन और पानी नहीं दिया जाता था। बोर्ड ने दावा किया कि जानवर को कोई चिकित्सा सुविधा नहीं दी गई, जिसके कारण अंततः ऊंट के बच्चे की मौत हो गई।
एडब्ल्यूबीआई के हस्तक्षेप पर दर्ज हुआ मामला
भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) के हस्तक्षेप के बाद जय कुमार गुप्ता और एसएन अग्रवाल पर बुधवार को मामला दर्ज किया गया। दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 325 (जानवरों को मारकर या उन्हें अपंग करके उत्पात मचाना) और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 11 (पशुओं के प्रति क्रूरता) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले में जय कुमार गुप्ता का कहना था कि ऊंट की तबियत खराब होने की जानकारी रामलीला समिति को नहीं थी। रीति-रिवाज के मुताबिक रामलीला समिति के सदस्यों ने ऊंट का अंतिम संस्कार कर दिया था।
ऊंट पालतू जानवर, पशुपालन विभाग जाने : वन विभाग
सदर वन रेंजर विकास चिंटोरिया ने बताया कि मेले में ऊंट की मौत की सूचना पर टीम गई थी। ऊंट की उम्र सात वर्ष थी और बीमार बताया जा रहा था। ऊंट एक पालतू जानवर है। पालतू जानवरों की जिम्मेदारी पशुपषालन विभाग की है। पशुपालन विभाग की बताएगा कि ऊंट को क्या बीमारी हुई और क्या कोई उपचार दिया गया या नहीं।