यूपी और बिहार STF के बिछाए जाल में लोनी में फंस गया 1 लाख का इनामी बदमाश, हत्या और लूट है आम बात 

गाजियाबाद में टाइगर गैंग का डकैत गिरफ्तार : यूपी और बिहार STF के बिछाए जाल में लोनी में फंस गया 1 लाख का इनामी बदमाश, हत्या और लूट है आम बात 

यूपी और बिहार STF के बिछाए जाल में लोनी में फंस गया 1 लाख का इनामी बदमाश, हत्या और लूट है आम बात 

Tricity Today | एसटीएफ की गिरफ्त में आरोपी

Ghazizbad News : यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने बिहार एसटीएफ टीम के साथ मिलकर गाजियाबाद के लोनी से टाइगर गैंग के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है। आरोपी यहां छिपकर रह रहा था। पकड़ा गया आरोपी 1 लाख रुपये का इनामी बदमाश है। एसटीएफ के मुताबिक सुशील राय हत्या, लूट और डकैती समेत कई संगीन मामलों में दो साल से फरार चल रहा था। जिसके चलते बिहार पुलिस की तरफ से आरोपी का 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। पकड़ा गया सुशील इससे पहले भी कई बार जेल जा चुका है। 

भाई की हत्या का बदला लेने के लिए बन गया बदमाश 
नोएडा एसटीएफ यूनिट के एएसपी राजकुमार मिश्रा ने बताया कि एसटीएफ फील्ड टीम, नवेंदु कुमार पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ नोएडा के नेतृत्व में उप निरीक्षक केशव शांडिल्य के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। उन्होंने बताया कि बिहार के बेगुसराय के कुख्यात टाइगर गैंग का सक्रिय सदस्य सुशील राय हत्या और डकैती के एक मामले में दो साल से फरार था। सुशील राय ने पूछताछ में बताया कि वह 10वीं पास है। 2001 में उनके भाई मुन्ना राय की गांव के जमीन विवाद को लेकर सुबोध राय और रामाधार राय ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर हत्या कर दी थी। बदला लेने के लिए उसने रामाधार राय को गोली मार दी। घायल रामाधार के परिजनों ने बेगूसराय में धारा 307 के तहत मामला दर्ज कराया था। इस मामले में सुशील राय जेल गया था। इसके बाद 2002 में सुशील राय जमानत पर बाहर आ गया। इस मामले में कोर्ट ने सुशील राय को 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। 

टाइगर से दोस्ती के बाद मांगी 1 करोड़ रुपये की फिरौती
जेल में रहने के दौरान सुशील राय की दोस्ती बिहार के टाइगर गैंग के कुख्यात नेता जोगी टाइगर से हो गई। सुशील राय ने जोगी टाइगर गैंग के साथ मिलकर 2002 में अभ्रक बनाने की फैक्ट्री चलाने वाले आलोक राजगरिया को गिरफ्तार किया था। उनका अपहरण कर लिया गया था और 1 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी। वहीं, बिहार पुलिस ने आलोक राजगरिया को सकुशल बरामद कर लिया और सुशील राय को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में कोर्ट ने सुशील राय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। लेकिन बाद में सुशील राय को सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया था।

पुलिस पर किया था हमला 
23 अक्टूबर 2019 को सुशील राय ने सुबोध राय से चल रही दुश्मनी के कारण अपहरण की घटना को अंजाम दिया था। इस मामले में तेघड़ा थाने में सुशील राय और शिवलोचन राय के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी। 22 दिसंबर 2019 को थाना प्रभारी व पुलिस टीम ने गांव में छापेमारी कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया। उस वक्त दोनों आरोपियों के परिजनों ने बिहार पुलिस पर हमला कर दिया था और सरकारी गाड़ी में तोड़फोड़ की थी। इस घटना में कई पुलिसकर्मी घायल हो गये। इस मामले में केस भी दर्ज किया गया था। पुलिस ने सुशील राय और शिवलोचन को गिरफ्तार कर लिया था। 

जेल से बाहर आने के बाद कर दी हत्या 
इसके बाद सुशील राय 6 महीने बाद जेल से बाहर आए। 9 सितंबर 2022 को सुशील राय और उनके भाई शिवलोचन ने सुबोध राय के बेटे अवनीश और रजनीश से ट्रैक्टर छीन लिया और उन्हें गोली मारकर घायल कर दिया। इस घटना में अवनीश की मौत हो गई थी। इस मामले की रिपोर्ट बेगुसराय जिले के तेघड़ा थाने में दर्ज करायी गयी थी। इसके बाद 18 अगस्त 2023 को घर पर घुसकर कई गोलियां चलाई गईं।

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