ठगी के मामलों ने किया सैकड़ा पार, 2024 में 65 करोड़ से ज्यादा लगा चुके हैं चूना

गाजियाबाद में बढ़ रहे साइबर अपराध : ठगी के मामलों ने किया सैकड़ा पार, 2024 में 65 करोड़ से ज्यादा लगा चुके हैं चूना

 ठगी के मामलों ने किया सैकड़ा पार, 2024 में 65 करोड़ से ज्यादा लगा चुके हैं चूना

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Ghaziabad News : साइबर ठगी के मामलों ने लोगों का जीना मुह‌ाल कर दिया है। कभी कूरियर में आपत्तिजनक सामान पकड़े जाने के नाम पर और कभी मनी लॉड्रिंग के नाम पर धमका साइबर क्रिमिनल लाखों- करोड़ों रुपए ठग ले रहे हैं। शेयर में निवेश कर मोटाई कमाई का लालच देकर सबसे ज्याद ठगी के मामले सामने आ रहे हैं। स्थिति यह है कि वर्ष-2024 में अब तक साइबर ठगी के मामलों ने सौ का आंकड़ा पार कर दिया है। इन मामलों में 65 करोड़ से ज्यादा की रकम ठगी गई है।

राजबाग निवासी महिला से लोन कराकर 10 लाख ठगे
अब राजबाग की एक महिला के नाम पर 10 लाख रुपये का लोन मंजूर कराकर ऐंठ लेने का मामला प्रकाश में आया है। 11 जून को शतिरों ने महिला को डिजिटल अरेस्ट कर वारदात को अंजाम दिया था, पीड़िता ने अब साइबर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। साइबर क्राइम से बचने के ल‌िए लोग जागरूक रहें और ऑनलाइन मिलने वाली धमकियों से डरने के बजाय पुलिस से संपर्क करें।

ऑनलाइन वेरिफिकेश के नाम पर किया डिजिटल अरेस्ट
साहिबाबाद थानाक्षेत्र के राजबाग में रहने वाली मनिका के पास अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने खुद को कूरियर कंपनी से बताते हुए कहा कि आपके नाम ईरान से आए कूरियर में ड्रग्स पकड़ी गई है। मनिका ने कहा कि मेरा तो कोई कूरियर ही नहीं था, कॉलर ने बोला लीजिए आपकी बात मुंबई पुलिस से करा देता हूं, खुद ही समझ लीजिए नहीं तो फंस जाएंगी।

सीबीआई का मामला बताकर डराया
मुंबई पुलिस के कथित अधिकारी ने लाइन पर आकर बताया कि आपका कूरियर सीबीआई ने पकड़ा है। गिरफ्तारी से बचना चाह‌ते ह‌ैं तो आपको वीडियो कॉल पर आकर अपना वेरिफिकेशन कराना होगा। सीबीआई अधिकारी बनकर स्क्रीन पर आए व्यक्ति ने कहा कि आपकी आईडी इस्तेमाल की गई है। यदि आपका कूरियर से कोई लेना देना नहीं है तो किसी ने आपके पैन और आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल किया होगा। आप जांच में सहयोग करेंगी तो गिरफ्तारी से बच जाएंगी।

गिरफ्तारी से बचना है तो जांच में सहयोग करो
बुरी तरह डर चुकी मनिका ने जांच में सहयोग की हामी भरकर पूछा बताओ क्या करना है। सामने से कहा गया कि आप स्क्रीन पर बनी रहें और अपना कमरा बंद कर लें जब तक‌ आपसे कहा न जाए, स्क्रीन से न हटें, अन्यथा कोई आपको गिरफ्तारी से नहीं बचा पाएगा। मनिका ने साइबर थाने को दी तहरीर में बताया है कि डिजिटल अरेस्ट करने के बाद उनसे आधार और पैन कार्ड के साथ ही बैंक खातों संबंधी जानकारी ले ली गई। उसके बाद कहा गया कि आपके खाते में कुछ रकम भेजकर वेरिफाई करना होगा।

मनिका के खाते में आए 9.91 लाख
कुछ ही देर में मनिका के खाते में 9.91 लाख रुपये आ गए। उन्हें कहा गया है कि अपने खाते में मिली रकम बताओ, उन्होंने बता दिया। सामने से कहा गया है कि आपके खाते ही जानकारी वेरिफाई हो गई है अब आप इस रकम को वापस कर दें। इसके लिए उन्हें एक खाते की डिटेल उपलब्ध कराई गई थी। मनिका ने खाते में आई राशि बताए गए खाते में भेज दी। इस प्रकिया में करीब 24 घंटे लगे। रकम ट्रांसफर कराकर शातिरों ने मनिका से काट दिया।

बैंक जाने पर ठगी का पता लगा
मनिका का कहना है कि उन्हें शक हुआ कि उनके साथ कुछ गलत हुआ। 12 जून को मनिका अपने बैंक में गईं तो ठगी का पता चला। बैंक से उनके खाते पर शातिरों ने ऑनलाइन पर्सनल लोन मंजूर कराया था। 9.91 लाख रुपये का लोन मंजूर होने के बाद बैंक ने राशि उनके खाते में भेज दी थी जो वेरिफिकेशन के नाम पर भेजी गई रकम बताकर ठगों ने अपने खाते में ट्रांसफर करा ली थी।

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