Greater Noida West Noida And Greater Noida More Polluted All Three Cities Top 10 Polluted Cities Of The World International Agency Releases Report
BIG BREAKING : ग्रेटर नोएडा वेस्ट, नोएडा और ग्रेटर नोएडा से ज्यादा प्रदूषित, तीनों शहर दुनिया के टॉप-10 पॉल्यूटेड सिटी, इंटरनेशनल एजेंसी ने जारी की रिपोर्ट
Noida News : शहर के लोगों के लिए अच्छी खबर नहीं है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट (Greater Noida West) दुनिया के टॉप-10 पॉल्यूटेड सिटी (Top-10 polluted cities of the World) में शामिल हैं। इंटरनेशनल एजेंसी ने मंगलवार को एक रिपोर्ट जारी करके खुलासा किया है। बड़ी बात यह है कि हालिया वर्षों में अस्तित्व में आया ग्रेटर नोएडा वेस्ट, नोएडा और ग्रेटर नोएडा से भी ज्यादा प्रदूषित है।
गाजियाबाद दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है। इतना ही नहीं दुनिया के 30 सबसे प्रदूषित शहरों में से 22 भारत में हैं। दिल्ली को वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक प्रदूषित राजधानी के रूप में स्थान दिया गया है। एक नई रिपोर्ट में मंगलवार को यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट स्विस संगठन IQAir ने जारी की है। जिसे 'विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट-2020' के रूप में तैयार किया गया है। यह रिपोर्ट विश्व स्तर पर जारी की गई है। हालांकि, रिपोर्ट बताती है कि 2019 से 2020 तक दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में लगभग 15 प्रतिशत का सुधार हुआ है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सुधार के बावजूद दिल्ली दुनिया के 10वें सबसे प्रदूषित शहर और शीर्ष प्रदूषित राजधानी है। रिपोर्ट में कहा गया है, "दुनिया भर के शीर्ष 30 सबसे प्रदूषित शहरों में से 22 शहर भारत में हैं। सबसे प्रदूषित शहरों की रैंकिंग में भारत सबसे ऊपर है।" दिल्ली के अलावा दुनिया के 30 सबसे प्रदूषित शहरों में 21 अन्य भारतीय शहर गाजियाबाद, बुलंदशहर, बिसरख जलालपुर (ग्रेटर नोएडा वेस्ट), नोएडा, ग्रेटर नोएडा, कानपुर, लखनऊ, मेरठ, आगरा और मुजफ्फरनगर हैं। इनके अलावा भिवानी, फरीदाबाद, जींद, हिसार, फतेहाबाद, भिवाड़ी, गुरुग्राम, यमुना नगर, हरियाणा में रोहतक और धारूहेड़ा और मुजफ्फरपुर हैं।
सरकारी डाटा रिपोर्ट का आधार बनाया गया
रिपोर्ट के अनुसार, चीन का शीर्ष प्रदूषित शहर झिंजियांग है। जिसके बाद नौ भारतीय शहर हैं। गाजियाबाद दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है। इसके बाद बुलंदशहर, बिसरख जलालपुर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, कानपुर, लखनऊ और भिवानी का नंबर आता है। वैश्विक शहरों की रैंकिंग रिपोर्ट 106 देशों के PM-2.5 डेटा पर आधारित है, जिसे ग्राउंड-आधारित निगरानी स्टेशनों द्वारा मापा जाता है। जिनमें से अधिकांश सरकारी एजेंसियों द्वारा संचालित होते हैं।
भारत में ट्रैफिक प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह
रिपोर्ट में वैश्विक कण प्रदूषण (PM-2.5) स्तरों पर COVID-19 लॉकडाउन और व्यवहार परिवर्तन के प्रभाव का भी पता चलता है। भारत के वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों में परिवहन, खाना पकाने के लिए बायोमास जलाना, बिजली उत्पादन, उद्योग, निर्माण, अपशिष्ट जलाना और एपिसोडिक कृषि जलाना शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, "परिवहन क्षेत्र भारत के प्रमुख PM-2.5 उत्सर्जन स्रोतों में से एक है।" ग्रीनपीस इंडिया के क्लाइमेट कैंपेनर अविनाश चंचल ने भारतीय संदर्भ में वैश्विक IQAir की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि दिल्ली सहित कई शहरों में हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि यह उचित है कि सरकारें स्थायी और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को प्राथमिकता देती हैं। साथ ही शहरों को कम लागत, सक्रिय और कार्बन-तटस्थ गतिशीलता विकल्पों जैसे कि पैदल, साइकिल चलाना और सुलभ सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।