Greater Noida News : जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जुड़े सबसे बड़े सवालों के जवाब मिल गए हैं। सभी के दिमाग में ये 7 सवाल घूम रहे हैं। जिनको काफी समय से ढूंढा जा रहा था। मंगलवार को हुई हाई लेवल बैठक में सभी सवालों के जवाब सामने आ गए हैं। जिसमें बताया गया है कि आने वाले दिनों में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर क्या होगा। इस बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार के अलावा केंद्र सरकार के काफी दिग्गज अवसर मौजूद हुए। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ समेत काफी अधिकारियों ने हिस्सा लिया, जिसमें सभी दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है।
ये 7 सवाल और उनके जवाब
आईएलएस कैलिब्रेशन (Instrument Landing System) : चार से छह अक्तूबर तक डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) की टीमों द्वारा यह कार्य पूरा किया जाएगा।
रनवे रिपोर्ट : एयरपोर्ट के रनवे की विस्तृत रिपोर्ट 10 अक्तूबर तक प्रस्तुत की जाएगी।
कैलिब्रेशन सर्टिफिकेट : कैलिब्रेशन का सर्टिफिकेट 15 अक्तूबर तक जारी होगा।
डीजीसीए प्रस्तुतिकरण : डीजीसीए के समक्ष प्रस्तुतिकरण 15 नवंबर को किया जाएगा।
ट्रायल अप्रूवल : ट्रायल के लिए डीजीसीए से मंजूरी 25 नवंबर तक मिलने की संभावना है।
एयरोड्रोम लाइसेंस : दिसंबर में एयरोड्रोम लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाएगा, जो 90 दिनों के भीतर, यानी मार्च तक प्राप्त हो सकता है।
एआईपी पब्लिकेशन : एयरपोर्ट की जानकारी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट अथॉरिटी को 6 फरवरी को एआईपी (एरोनॉटिकल इंफॉर्मेशन पब्लिकेशन) के माध्यम से दी जाएगी।
एयरपोर्ट संचालन में सबसे बड़ी चुनौती
एयरपोर्ट शुरू करने में एक अहम चुनौती सामने है। यदि एयरपोर्ट निर्माण कंपनी 17 अप्रैल तक सभी उड़ान संबंधी आवश्यक कार्य पूरे नहीं कर पाती और तय समय पर लाइसेंस नहीं मिलता तो उड़ान संचालन 17 अप्रैल के बाद 6 महीने के लिए टल सकता है। उड़ान शुरू करने के नियमों के तहत अंतरराष्ट्रीय प्रक्रियाओं को उड़ान शुरू करने से 70 दिन पहले पूरा करना अनिवार्य है।
6,200 हेक्टेयर भूमि पर बनेगा देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा
उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की जमीन में विस्तार कर दिया है। अब नोएडा एयरपोर्ट 6,200 हेक्टेयर भूमि पर बनेगा। नोएडा एयरपोर्ट का निर्माण चार चरणों में किया जा रहा है। बाकी जमीन पर सिविल एबीनेशन हब बनाया जाएगा। इसको लेकर सरकार ने हरी झंडी दे दी है। इस तरीके से कुल मिलाकर नोएडा एयरपोर्ट 6200 हेक्टेयर भूमि पर बनेगा। खास बात यह होगी कि सिविल एविएशन हब भी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की चारदीवारी के भीतर बनाया जाएगा।