बारिश और कोहरे में भी उड़ सकते हैं हवाई जहाज, आ गई नई टेक्नोलॉजी

नोएडा एयरपोर्ट से जुड़ी बड़ी खबर : बारिश और कोहरे में भी उड़ सकते हैं हवाई जहाज, आ गई नई टेक्नोलॉजी

बारिश और कोहरे में भी उड़ सकते हैं हवाई जहाज, आ गई नई टेक्नोलॉजी

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Greater Noida News : नोएडा एयरपोर्ट ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इससे इसको विश्वस्तरीय एयरपोर्ट की श्रेणी में शामिल किया जाता है। एयरपोर्ट पर अत्याधुनिक उपकरणों की स्थापना कर दी गई है। इससे बारिश और घने कोहरे जैसी चुनौतीपूर्ण स्थितियों में भी विमानों की उड़ान को संभव बनाएंगे। इन उपकरणों में इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) और प्रिसिजन अप्रोच पाथ इंडिकेटर (PAPI) शामिल हैं। जिन्हें एक साथ जोड़कर सफलता पूर्वक लगाया गया है। यह अत्याधुनिक तकनीक कुछ ही चुनिंदा वैश्विक हवाई अड्डों पर उपलब्ध है। नोएडा एयरपोर्ट को इस नई तकनीक से उड़ानों को सुविधाजनक बनाने की दिशा में बड़ा लाभ मिलेगा।

आधुनिक तकनीक से हवाई यात्रा होगी आसान
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ILS और PAPI लगाने का काम पिछले सप्ताह ही शुरू किया गया था। अब इसे सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। यह परियोजना भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के सहयोग से की गई है। ILS और PAPI की मदद से विमानों की लैंडिंग और टेक-ऑफ के दौरान सटीकता और सुरक्षा में काफी वृद्धि होगी। खासकर खराब मौसम की स्थितियों में। डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन उपकरणों के साथ हवाई अड्डा बारिश और कोहरे में भी विमानों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करेगा। यह तकनीक दुनिया के कुछ ही हवाई अड्डों पर उपलब्ध है, जो नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को एक विशेष स्थान पर ले आती है। 

अप्रैल 2025 से उड़ान सेवाओं की शुरुआत
हालांकि, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान सेवाओं की शुरुआत पहले दिसंबर 2024 में प्रस्तावित थी, लेकिन निर्माण कार्य में कुछ देरी के चलते अब इसका शुभारंभ अप्रैल 2025 में होने की संभावना है। इस दौरान दिसंबर 2024 में टेस्टिंग उड़ानों का संचालन किया जाएगा, जिससे अप्रैल में व्यावसायिक उड़ानें शुरू की जा सकें। 

26 नवंबर 2021 को हुआ था शिलान्यास
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 26 नवंबर 2021 को शिलान्यास किया गया था। इस एयरपोर्ट का अधिकांश निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और जब यह पूरी तरह से चालू हो जाएगा तो यह दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। यहां से न केवल देशभर में बल्कि अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों तक भी उड़ानें संचालित की जाएंगी, जिससे यह भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

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