इसलिए भगवान कृष्ण को लगाए जाते हैं 56 भोग, इंद्र देव का अहंकार...

गाजियाबाद की शिप्रा सनसिटी में भागवत कथा : इसलिए भगवान कृष्ण को लगाए जाते हैं 56 भोग, इंद्र देव का अहंकार...

इसलिए भगवान कृष्ण को लगाए जाते हैं 56 भोग, इंद्र देव का अहंकार...

Tricity Today | गाजियाबाद की शिप्रा सनसिटी में भागवत कथा

Ghaziabad News : भारतीय धरोहर संस्था द्वारा आयोजित भागवत कथा का पांचवां दिन आरती और भजनों के साथ धूमधाम से प्रारंभ हुआ। कथा व्यास ने भगवान श्रीकृष्ण की बाललीलाओं और रासलीला का भावपूर्ण वर्णन किया। जिसमें पूतना वध, यशोदा माता के साथ भगवान श्रीकृष्ण की बाल्यपन की शरारतें, गौ प्रेम, कालिया नाग मान मर्दन, माखन चोरी और गोपियों का प्रसंग आदि महत्वपूर्ण घटनाओं का उल्लेख किया गया।

श्रीकृष्ण को 7 दिनों तक भूखा रहना पड़ा
कथा के दौरान व्यास पवन नंदन ने भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग लगाने की परंपरा के पीछे की कहानी साझा की है। उन्होंने बताया कि हमें अपने व्यस्त समय में भगवान को भी समय देना चाहिए और उनकी आराधना करनी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र देव के प्रकोप से ब्रजवासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत उठाया था। इसके परिणामस्वरूप उन्हें 7 दिनों तक भूखा रहना पड़ा, जिसके बाद उन्हें 56 व्यंजन खिलाए गए। यही परंपरा '56 भोग' के रूप में जानी जाती है।

गोवर्धन पूजा का महत्त्व
कथा व्यास ने आगे बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र देव का अहंकार तोड़ते हुए गोकुल में इंद्र की पूजा को रोककर नंदवासी को गोवर्धन पूजा करने की प्रेरणा दी। इस भागवत कथा के दौरान कथा व्यास द्वारा सुनाए गए भजनों ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। उन्होंने कहा कि भागवत कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बताती है। उन्होंने कलियुग की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि इस युग में केवल हरिनाम से जीव का कल्याण संभव है।

मौके पर ये मौजूद रहे 
आयोजन समिति ने आज कथा प्रसाद में फलों का प्रबंध किया। इस धर्मार्थ कार्य में प्रमुख रूप से कपिल त्यागी, विजय शंकर तिवारी, सुचित सिंघल, सीपी बालियान, सुशील कुमार, अविनाश चंद्र, स्वाति चौहान, धीरज अग्रवाल, संजय सिंह, अजय शुक्ला, अनिल मेहंदी दत्ता और अन्य उपस्थित रहे।

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