Greater Noida News : गनौली गांव में गर्व और हर्ष का माहौल तब चरम पर पहुंच गया, जब गांव के होनहार युवा बॉबी बंसल ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) परीक्षा में ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक प्राप्त की। बॉबी की इस उल्लेखनीय उपलब्धि से न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे गांव और क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई है।
बॉबी बंसल, जो गनौली गांव के निवासी और रणवीर सिंह के सुपुत्र हैं, ने अपनी शिक्षा की शुरुआत सिरसा के ऑक्सफोर्ड ग्रीन पब्लिक स्कूल से की, जहां उन्होंने 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई की। इसके बाद, उन्होंने 12वीं की परीक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल ग्रेटर नोएडा से उत्तीर्ण की और स्नातक की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित किरोड़ीमल कॉलेज से पूरी की। उनकी शिक्षा और परिश्रम ने उन्हें एक सशक्त नींव प्रदान की, जिसका परिणाम आज उनके एपीएफओ परीक्षा में प्रथम स्थान पर आकर देखा जा सकता है। बॉबी बंसल इससे पहले भी अपनी मेहनत से सफलताएं अर्जित कर चुके हैं। उन्होंने 2017 में कर्मचारी चयन आयोग (SSC CGL) परीक्षा के माध्यम से आयकर विभाग में चयन प्राप्त किया और वर्तमान में शास्त्री भवन पत्र सूचना कार्यालय (PIB) में कार्यरत हैं। उनकी लगन और मेहनत के चलते आज वह इस बड़ी सफलता के हक़दार बने हैं। उनके इस मील के पत्थर ने पूरे गनौली गांव को गौरवान्वित कर दिया है।
बॉबी ने अपनी इस सफलता के बारे में कहा, "यह मेरे लिए एक सपना था, जिसे मैंने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण के बल पर पूरा किया। मैं युवा पीढ़ी को यह संदेश देना चाहता हूँ कि हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। यदि हम निरंतर प्रयास करते रहें, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं होती। भगवान भी उन्हीं की मदद करते हैं, जो ख़ुद की मदद करते हैं।" बॉबी बंसल ने "ग्राम पाठशाला" पहल की भी सराहना की, जो ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि "ग्राम पाठशाला" जैसी पहलों से हर बच्चे के पास अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाने का अवसर है, और वह इसके लिए इस मुहिम से जुड़ी टीम का भी आभार व्यक्त करते हैं।
ग्राम पाठशाला टीम ने भी बॉबी बंसल की इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा, "एक ही संकल्प, एक ही संदेश, भारत बने पुस्तकालयों का देश।" बॉबी की इस सफलता ने गांव के हर युवा को प्रेरित किया है कि मेहनत और दृढ़ निश्चय से सब कुछ संभव है। बॉबी की यह सफलता उन तमाम युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत है, जो सरकारी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने अपने समर्पण और दृढ़ संकल्प से यह सिद्ध किया है कि कठिन परिश्रम का फल हमेशा मीठा होता है, और अगर लक्ष्य बड़ा हो तो हर चुनौतियों को पार किया जा सकता है।