Greater Noida : ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण (Greater Noida Authority) में हुए 4%, 6% और 10% आबादी भूखंड घोटाले में मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु महेश्वरी (Ritu Maheshwari IAS) ने सख्त रुख अपनाया है। इस मामले में विशेष कार्याधिकारी सौम्य श्रीवास्तव की समिति ने अपनी रिपोर्ट मुख्य कार्यपालक अधिकारी को सौंप दी थी। रिपोर्ट में माना गया है कि किसान आबादी भूखंड आवंटन में व्यापक पैमाने पर धांधली हुई है।
रितु महेश्वरी ने तीन एसीईओ की समिति गठित की
इसके बाद रितु महेश्वरी ने अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी अदिति सिंह की अध्यक्षता में तीन एसीईओ की कमेटी गठित की है। इस कमेटी को एक महीने का वक्त व्यापक रूप से जांच करके रिपोर्ट देने के लिए दिया गया था। एक महीने का वक्त बीत चुका है। लिहाजा, मंगलवार को सीईओ ने अगले एक सप्ताह में जांच पूरी करने की सख्त हिदायत दी है। दूसरी ओर इस प्रकरण को लेकर मंगलवार को शिकायत करने वाले किसान अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी अदिति सिंह से मिले। किसानों ने जांच जल्दी से जल्दी पूरी करने और इस घोटाले के लिए जिम्मेदार अफसरों, कर्मचारियों और दलालों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग दोहराई है।
किसानों ने कहा- अफसर लंबी खींच रहे हैं जांच
किसानों ने अदिति सिंह से कहा, "हमने पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुरेंद्र सिंह से 15 सितंबर 2022 को शिकायत की थी। उन्होंने आपको जांच करने के लिए एक सप्ताह का वक्त दिया था। जांच करने की जिम्मेदारी ओएसडी सौम्य श्रीवास्तव को सौंप दी गई। उन्होंने 5 दिसंबर 2022 को रिपोर्ट दी। इसके बाद 7 दिसंबर को सीईओ रितु महेश्वरी ने दोबारा गहराई से जांच करने की जिम्मेदारी आपको सौंपी है। उन्होंने एक महीने का वक्त दिया था। यह वक्त बीत चुका है। इस पूरे प्रकरण को बिना वजह लंबा खींचा जा रहा है। जिससे किसानों में प्राधिकरण के प्रति असंतोष बढ़ रहा है। जल्दी से जल्दी जांच रिपोर्ट दी जाए। जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए।" आपको बता दें कि अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी अदिति सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति में एसीईओ आनंद वर्धन और प्रेरणा शर्मा भी शामिल हैं।