Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में सक्रिय गिरोह द्वारा बगैर जमीन के लीज फ़िलहाल जारी करने की घटनाओं के मद्देनज़र अब प्राधिकरण ने लीज़ प्लान बनाने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) तक यह मामला पहुंचा, जिसके बाद कार्रवाई करते हुए अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी सौम्या श्रीवास्तव ने कड़ा रुख़ अपनाया है।
अब क्या हुआ बदलाव?
नए आदेश के अनुसार लीज़ प्लान तैयार करने से पहले संबंधित डिवीज़न के प्रभारी को ज़मीन का भौतिक सत्यापन कार्य स्थल पर जाकर करना होगा। पहले यह कार्य केवल प्रोजेक्ट विभाग के तीन अधिकारियों के द्वारा किया जाता था, लेकिन अब इसमें भी बदलाव किया गया है। अब लीज़ फ़िलहाल पर न केवल प्रोजेक्ट विभाग के अधिकारियों के, बल्कि भूलेख विभाग के अधिकारियों के भी हस्ताक्षर होंगे।
इनके होने चाहिए हस्ताक्षर
भूलेख विभाग के तहत लेखपाल, सर्वे अमीन, नायब तहसीलदार और तहसीलदार को लीज़ प्लान पर हस्ताक्षर करने से पहले यह पुष्टि करनी होगी कि जिस ज़मीन पर लीज़ प्लान बनाया जा रहा है, वह पहले से अधिग्रहित है और उस पर कब्ज़ा प्राप्त है। इसके बाद ही इन अधिकारियों द्वारा लीज़ फ़िलहाल पर हस्ताक्षर किए जा सकेंगे।
इसकी भी जांच की जाएगी
इसके अतिरिक्त लीज़ प्लान पर अब विधि विभाग के अधिकारियों के भी हस्ताक्षर आवश्यक होंगे। विधि विभाग के सहायक विधि अधिकारी और पबंधक विधि यह सुनिश्चित करेंगे कि जिस ज़मीन पर लीज़ प्लान तैयार किया जा रहा है, उस पर कोई कोर्ट केस या कोर्ट का स्टे तो नहीं है। केवल इसके बाद ही विधि विभाग के अधिकारी हस्ताक्षर करेंगे।
5 विभागों के पास जिम्मेदारी
इसके अलावा प्लानिंग विभाग के अधिकारियों को भी लीज़ प्लान पर हस्ताक्षर करना होगा। यह पुष्टि करनी होगी कि लीज़ प्लान क्षेत्र के नियमानुसार तैयार किया गया है। इन नए नियमों के तहत अब लीज़ प्लान पर कुल 5 विभागों प्रोजेक्ट, प्लानिंग, विधि विभाग, भूलेख विभाग और संबंधित डिवीज़न के अधिकारियों के हस्ताक्षर होंगे। जिसके बाद ही कोई भी लीज़ प्लान मान्य होगा।