सख्ती के बावजूद ग्रेटर नोएडा में फिर पकड़ी गई ड्रग्स फैक्ट्री, तिहाड़ जेल का वार्डन और मेक्सिकन माफिया गिरफ्तार

बड़ी खबर : सख्ती के बावजूद ग्रेटर नोएडा में फिर पकड़ी गई ड्रग्स फैक्ट्री, तिहाड़ जेल का वार्डन और मेक्सिकन माफिया गिरफ्तार

सख्ती के बावजूद ग्रेटर नोएडा में फिर पकड़ी गई ड्रग्स फैक्ट्री, तिहाड़ जेल का वार्डन और मेक्सिकन माफिया गिरफ्तार

Google Photo | ग्रेटर नोएडा में फिर पकड़ी गई ड्रग्स फैक्ट्री

Greater Noida News : कासना औद्योगिक क्षेत्र में एक बार फिर ड्रग्स फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की संयुक्त कार्रवाई में यह फैक्ट्री पकड़ी गई। जहां से करीब 10 करोड़ रुपये मूल्य की 95 किलो मेथमफेटामाइन ड्रग्स और ड्रग्स निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कई प्रकार के केमिकल बरामद किए गए हैं। इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें तिहाड़ जेल का एक वार्डन और एक मेक्सिकन नागरिक भी शामिल है। एनसीबी ने चारों आरोपितों को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर तीन दिन की रिमांड पर लिया है। इस दौरान अन्य सहयोगियों और माफिया नेटवर्क के बारे में गहन पूछताछ की जाएगी। 

ड्रग्स कार्टेल की साजिश बेनकाब
एनसीबी के डिप्टी डायरेक्टर जनरल (ऑपरेशन) ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया कि इस कार्रवाई के लिए गुप्त सूचना के आधार पर एक लंबी योजना बनाई गई थी। प्राथमिक जांच से पता चला है कि यह फैक्ट्री मेक्सिको के कुख्यात कार्टेल सीजेएनजी (कार्टेल डी जलिस्को नुएवा जेनरेशन) के सहयोग से चलाई जा रही थी। मेक्सिकन नागरिक को गिरोह का सरगना माना जा रहा है और इसने एनसीआर में अवैध फैक्ट्री स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 

जेल वार्डन और व्यवसायी की सांठगांठ से खोली गई थी
सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों में से एक व्यवसायी जो पहले राजस्व खुफिया विभाग द्वारा एक एनडीपीएस केस में तिहाड़ जेल भेजा गया था। उसने जेल में वार्डन से संपर्क स्थापित किया था। बाद में इसी संपर्क के माध्यम से दोनों ने मिलकर इस अवैध फैक्ट्री को स्थापित किया। छापेमारी के दौरान फैक्ट्री से एसीटोन, सोडियम हाइड्राक्साइड, प्रीमियम ग्रेड इथेनाल, रेड फास्फोरस और मेथमफेटामाइन के निर्माण में आवश्यक अन्य कई रसायन मिले।

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