14 अक्टूबर के कलेक्ट्रेट घेराव की तैयारियां तेज

गौतमबुद्ध नगर के किसानों की जन चेतना यात्रा ने भरा जोश : 14 अक्टूबर के कलेक्ट्रेट घेराव की तैयारियां तेज

14 अक्टूबर के कलेक्ट्रेट घेराव की तैयारियां तेज

Tricity Today | गौतमबुद्ध नगर के किसानों की जन चेतना यात्रा

Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर में किसानों का आंदोलन नए मोड़ पर पहुंच गया है। 14 अक्टूबर को होने वाले कलेक्ट्रेट के घेराव महापड़ाव की तैयारियों के मद्देनजर आज एक विशाल जन चेतना यात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा ग्राम डाबरा, रामपुर, सिरसा और मायचा गांवों में पहुंची, जहां सैकड़ों ग्रामीणों ने भाग लिया।

नए कानून को लागू करना शामिल
यात्रा के दौरान किसानों ने अपनी प्रमुख मांगों को लेकर जोरदार नारेबाजी की। इनमें 10 प्रतिशत प्लॉटों का वितरण, हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करना, आबादी की जमीनों की लीज बहाल करना, भूमिहीनों को दुकानों का आवंटन, युवाओं के लिए रोजगार नीति बनाना और नए कानून को लागू करना शामिल है।

जय जवान जय किसान मोर्चा ने मिलकर ऐलान किया 
जन चेतना यात्रा के संयोजक शिशांत भाटी ने कहा कि यह किसानों की आर-पार की लड़ाई है। आंदोलन का यह तीसरा चरण है, जिसमें नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के सभी किसान एकजुट होकर कलेक्ट्रेट पर दिन-रात का धरना देंगे।" उन्होंने सरकार पर 31 अगस्त को दाखिल की गई हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट को दबाकर रखने का आरोप लगाया। किसान सभा के जिला कोषाध्यक्ष अजय पाल भाटी ने रामपुर गांव में आयोजित नुक्कड़ सभा में कहा कि किसान सभा, किसान परिषद, जय जवान जय किसान मोर्चा और किसान संघर्ष समिति ऐछर मिलकर इस महापड़ाव का आयोजन कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक उपरोक्त मुद्दों का समाधान नहीं होगा, तब तक महापड़ाव समाप्त नहीं होगा।

यह लोग रहे मौजूद 
विभिन्न गांवों में यात्रा का नेतृत्व स्थानीय नेताओं ने किया। सिरसा गांव में जोगिंदर प्रधान और मायचा गांव में यतेंद्र मैनेजर ने आगे बढ़कर नेतृत्व संभाला। यात्रा में गुरप्रीत एडवोकेट, यतेंद्र भाटी, संदीप भाटी, अशोक भाटी, मुकुल यादव, महेश प्रजापति, भगत सिंह चेची, अमित नागर, संजय नागर सहित सैकड़ों साथी शामिल हुए। अखिल भारतीय किसान सभा के गौतमबुद्ध नगर जिला अध्यक्ष डॉ. रुपेश वर्मा ने इस यात्रा को किसानों की एकजुटता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि 14 अक्टूबर का महापड़ाव किसानों की मांगों को लेकर एक निर्णायक मोड़ साबित होगा।

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