Greater Noida News : गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) में एक नया विवाद सामने आया है। विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विकास पंवार को प्रबंधन की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जिसने विश्वविद्यालय में हलचल मचा दी है।
जीबीयू प्रशासन ने मुझे आज सेवा समाप्ति विषयक कारण बताओं नोटिस जारी किया है। देखना है कि जिस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति माननीय योगी आदित्यनाथ जी जैसा व्यक्तित्व है वहां प्रो मेलकानिया का विरोध करने व आर्थिक भ्रष्टाचार की आवाज उठाने की क्या सजा दी जाती है@CMOfficeUP@ChiefSecyUPpic.twitter.com/6EP9EkAAWf
सोशल मीडिया पर उठाया मामला
प्रोफेसर पंवार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस मामले को उठाया है। उनका आरोप है कि यह नोटिस उन्हें विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार और एक रिटायर्ड प्रोफेसर द्वारा छात्रा के यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने के कारण जारी किया गया है। प्रोफेसर पंवार ने बताया कि यह नोटिस उनकी सेवा समाप्ति से संबंधित है और यह पहली बार नहीं है जब उन्हें ऐसा नोटिस मिला है। इस मामले में एक रोचक बात यह है कि पूर्व में भी प्रोफेसर पंवार की सेवा समाप्त की गई थी। उस समय उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और मामले में जीत हासिल की थी, जिसके बाद उन्हें जीबीयू में दोबारा नियुक्ति मिली थी।
प्रोफेसर पंवार पर भी आरोप
दूसरी ओर, जीबीयू के कुलपति प्रोफेसर रविंद्र कुमार सिन्हा ने इस मामले पर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने बताया कि प्रोफेसर पंवार ने यूजीसी के नियमों का उल्लंघन किया है। कुलपति के अनुसार, प्रोफेसर पंवार ने विश्वविद्यालय के इंटरनल मामले को सोशल मीडिया पर उठाया है, जो नियमों के विरुद्ध है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रोफेसर पंवार पूर्व में भी शिक्षकों को हड़ताल के लिए उकसाते रहे हैं।