Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा के भू-माफिया दम्पति के रसूख का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इनके ख़िलाफ़ प्राधिकरण ने छह साल पहले एफ़आईआर दर्ज करवाई थी। इसके बावजूद इनका गोरखधंधा बदस्तूर चल रहा है। इतना ही नहीं, अवैध निर्माण लगातार चलता रहा। प्राधिकरण की ज़मीन पर फर्ज़ी हाउसिंग सोसाइटी बनाकर खड़ी कर दी। रेलवे और सेना के अफसरों को भी ठग लिया। सैकड़ों लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। इतना ही नहीं, अथॉरिटी ने अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के लिए क़रीब चार साल पहले भू-माफ़ियाओं को नोटिस भेजा था, लेकिन नोटिस से आगे कार्यवाही नहीं बढ़ पाई। इसके लिए प्राधिकरण अफसर जिम्मेदार हैं।
अथॉरिटी ने 6 साल पहले एफआईआर दर्ज करवाई
पतवाड़ी गांव की रहने वाली गीता यादव और उसके पति वेदपाल यादव को गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी ने पिछले महीने भू-माफ़िया घोषित किया है। इन लोगों ने सरकारी और ग़ैर सरकारी संपत्तियों पर अवैध क़ब्ज़े कर रखे हैं। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की अधिग्रहित ज़मीन पर अवैध हाउसिंग प्रोजेक्ट बनाकर खड़ा कर दिया है। यह जानकारी सामने आने के बाद ग्रेटर नोएडा वेस्ट की बिसरख कोतवाली में 16 नवंबर 2018 को मुकदमा अपराध संख्या 1121 दर्ज करवाई गई। यह मुकदमा आईपीसी की धारा 188, 288, 420 और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धारा 3 के तहत दर्ज करवाया गया था। यह एफआईआर ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के सहायक प्रबंधक (परियोजना) पीपी मिश्रा ने दर्ज करवाया था। पीपी मिश्रा ने पुलिस को बताया था कि गीता यादव और उसके सहयोगियों ने पतवाड़ी गांव में खसरा संख्या 407 और 1162 में अवैध हाउसिंग प्रोजेक्ट बनाकर खड़ा कर दिया है।
आम आदमी को ठगने के लिए बनाया संगठित गिरोह
अथॉरिटी के प्रबनधक ने पुलिस को बताया कि यह लोग फ़्लैट बना रहे हैं और भोले-भाले लोगों को फ़्लैट बेच रहे हैं। जिससे प्राधिकरण का नियोजित विकास प्रभावित होगा। भोली-भाली जनता के साथ धोखाधड़ी की जा रही है। यह लोग संगठित रूप से आर्थिक लाभ हासिल करने के लिए इस धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे हैं। एफआईआर में गीता यादव, उसके पति वेदपाल यादव और शिव शंकर बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अजय कुमार के नाम शामिल किए गए थे। यह एफआईआर दर्ज होने के बाद भी इन लोगों का गोरखधंधा जारी रहा। यह लोग बदस्तूर अवैध निर्माण करते रहे।
बिल्डिंग तोड़ने के लिए 3 साल पहले नोटिस भेजा
अंतत प्राधिकरण की ओर से 5 फ़रवरी 2021 को उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास अधिनियम की धारा 10 के तहत एक नोटिस गीता यादव को जारी किया गया। जिसमें चेतावनी दी गई थी कि वह अवैध निर्माण कर रही हैं। पतवाड़ी गांव के खसरा संख्या 1162 पर अवैध हाउसिंग प्रोजेक्ट बनाकर खड़ा कर दिया गया है। गीता यादव को नोटिस के माध्यम से चेताया गया था कि सात दिन के अंदर अवैध निर्माण हटा लें, अन्यथा प्राधिकरण ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेगा। इस कार्यवाही में आने वाले ख़र्च की वसूली भी गीता यादव से की जाएगी। कुल मिलाकर साफ़ है कि एफआईआर दर्ज हुए छह साल से ज़्यादा वक़्त बीत चुका है और ध्वस्तीकरण का नोटिस दिए हुए क़रीब तीन साल बीत चुके हैं, इसके बावजूद गीता यादव और वेदपाल यादव की गतिविधियों में कोई बदलाव नहीं आया है।
...और आंखें मूंदकर बैठा है विकास प्राधिकरण
एक तरफ भू-माफिया बदस्तूर आम आदमी को लूटते रहे, दूसरी तरफ ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के ज़िम्मेदार अफ़सर आंखें बंद करके बैठे रहे। जिसकी वजह से आम आदमी इन माफियाओं का शिकार होता रहा है। एफआईआर दर्ज करवाए 6 वर्ष बीत चुके हैं और ध्वस्तीकरण का नोटिस दिए हुए 3 साल से ज़्यादा वक़्त बीत चुका है, लेकिन अभी तक अवैध हाउसिंग प्रोजेक्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।