Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण (Greater Noida Authority) में हुए फर्जी नियुक्ति घोटाले को लेकर राज्य सरकार बार-बार जवाब मांग रही है। अब औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार ने ग्रेटर नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी (Ritu Maheshwari IAS) को पत्र लिखकर रिपोर्ट मांगी है। अरविंद कुमार ने 10 फरवरी को यह पत्र ऋतु महेश्वरी को भेजा था। पांच दिनों में यानी 15 फरवरी तक बिंदुवार रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया। यह समय सीमा बुधवार की शाम 5:00 बजे बीत चुकी है।
क्या है मामला
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में संविदा और एजेंसियों के जरिए प्लेसमेंट के आधार पर कर्मचारियों की नियुक्तियां की गईं। इसके लिए शासन से कोई अनुमति नहीं ली गई। इस बारे में शासन को जानकारी भी नहीं दी गई। यह नियुक्तियां फर्जीवाड़ा करके की गई हैं, ऐसे आरोप समाजसेवी राजेंद्र नागर और कई दूसरे लोगों ने लगाए हैं। इन लोगों की ओर से राज्य सरकार को शिकायत की गई। आपके पसंदीदा न्यूज़ पोर्टल ट्राईसिटी टुडे ने इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया। जिस पर करीब 4 महीने पहले राज्य सरकार ने संज्ञान लिया था। शासन ने प्राधिकरण को आदेश दिया था कि प्रकरण की जांच करके एक सप्ताह में रिपोर्ट भेजी जाए। ग्रेटर नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी ने अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रेरणा शर्मा की अध्यक्षता में तीन एसीईओ की जांच समिति का गठन किया। समिति की रिपोर्ट सीईओ ऋतु महेश्वरी को मिल चुकी है। ऋतु महेश्वरी ने 49 कर्मचारियों को बर्खास्त भी कर दिया। इन कर्मचारियों की प्लेसमेंट करवाने वाली दो एजेंसियों को डिबार किया गया है। लेकिन अभी भी कर्मचारी प्राधिकरण में काम कर रहे हैं। यह जानकारी राजेंद्र नगर की ओर से एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शिकायत समाधान वेब पोर्टल पर दी गई है।
एसीएस ने सीईओ से मांगे जवाब
औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार ने 15 फरवरी को एक पत्र ग्रेटर नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी को भेजा है। अरविंद कुमार ने लिखा है, "ग्रेटर नोएडा में बिना शासकीय अनुमति और वैधानिक प्रक्रिया का अनुपालन किए अवर अभियंता के पदों पर कर्मचारियों का चयन किया गया है। इन कर्मचारियों को महत्वपूर्ण स्थलों पर तैनाती दी गई हैं। इसे लेकर शासन ने 9 नवंबर 2022, 21 दिसंबर 2022 और 6 जनवरी 2023 को तीन पत्र लिखे हैं। शासन के इन पत्रों का जवाब अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने दिया। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण में कार्यरत कर्मचारियों और अधिकारियों के कितने रिश्तेदार चयनित किए गए हैं। इस पर राजेन्द्र नागर की ओर से की गई शिकायतों पर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने 3 अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी की एक जांच समिति का गठन किया है। अभी तक यह जांच चल रही है। अरविंद कुमार ने आगे लिखा है, "अब मुझे शासन से आपको यह कहने का निर्देश दिया गया है कि राजेंद्र नागर की ओर से उठाए गए तीन बिंदुओं पर स्पष्ट आख्या हर हालत में 10 फरवरी तक उपलब्ध करवाएं।"