Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा में बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने में लापरवाही बरतने पर ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने एक कड़ा कदम उठाते हुए सभी आठ वर्क सर्किल के प्रभारियों का वेतन रोक दिया है। अधिकारियों को चेतावनी दी गई है कि यदि कार्यशैली में सुधार नहीं हुआ तो आगे और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एयर क्वालिटी इंडेक्स बेहद गंभीर
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के प्रदूषण स्तर में मामूली सुधार के बावजूद हालात अब भी चिंताजनक बने हुए हैं। सोमवार को रिकॉर्ड किए गए आंकड़ों में ग्रेटर नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 274 पर था, जो देश के सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में शामिल रहा। वहीं नोएडा का एक्यूआई 268 दर्ज किया गया था। हालांकि, बीते 24 घंटे में कुछ राहत देखने को मिली और ग्रेटर नोएडा के एक्यूआई में 68 अंकों की गिरावट हुई। जिससे मंगलवार को इसका स्तर 170 पर आ गया। वहीं, नोएडा का एक्यूआई 206 पर रिकॉर्ड किया गया।
आईएएस श्रीलक्ष्मी वीएस का कड़ा निर्देश
इस संबंध में प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (एसीईओ) श्रीलक्ष्मी वीएस ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि जब तक संबंधित वर्क सर्किलों में प्रभावी तरीके से प्रदूषण नियंत्रण के नियमों का पालन सुनिश्चित नहीं होता, तब तक प्रभारियों का वेतन रोका जाएगा। प्रदूषण नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों की निगरानी में लापरवाही पाए जाने पर यह कार्रवाई की गई है।
शहर के लिए चिंता का मुद्दा
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-3 क्षेत्र में सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। जहां एक्यूआई 206 तक पहुंच गया। प्रदूषण में गिरावट के बावजूद दोनों शहरों की हवा का स्तर अभी भी खराब श्रेणी में ही बना हुआ है, जो स्वास्थ्य के लिहाज से खतरनाक माना जाता है।