EMI का टूटा कहर, अब खाना बाकी रहा जहर, सड़क पर बैठकर लिखी दर्द भरी कहानी

ग्रेटर नोएडा वेस्ट के घर खरीदारों ने योगी आदित्यनाथ को लिखी चिठ्‌ठी : EMI का टूटा कहर, अब खाना बाकी रहा जहर, सड़क पर बैठकर लिखी दर्द भरी कहानी

EMI का टूटा कहर, अब खाना बाकी रहा जहर, सड़क पर बैठकर लिखी दर्द भरी कहानी

Tricity Today | घर खरीदारों ने योगी आदित्यनाथ को लिखी चिठ्‌ठी

Greater Noida West : अब तो ऐसा लगता है कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट वालों को आजीवन अपने घर के लिए लड़ाई लड़नी होगी। हर रविवार की तरह इस बार भी ग्रेटर नोएडा वेस्ट की हाउसिंग सोसायटी के निवासियों ने एक मूर्ति गोल चक्कर पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। इस बार अनोखे रूप में निवासियों ने प्रदर्शन किया। एक मूर्ति गोल चक्कर पर इकट्ठा होकर निवासियों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी दर्द भरी कहानी लिखी। सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे।  अपने घर में किराएदार के रूप रह रहे लोग
निवासियों ने बताया कि वह काफी सालों से अपनी मांगों को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं। सारा पैसा देने के बावजूद भी वह अपने घर में किराएदार के रूप में रह रहे हैं। निवासियों ने लिखा कि अब तो स्थानीय विधायक और जनप्रतिनिधियों से भी मदद की आस नहीं बची है। लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सामूहिक तौर पर चिट्ठी लिखकर भेजी है।

सबसे ज्यादा दुर्गति ग्रेटर नोएडा वेस्ट की
फ्लैट खरीदारों के लिए लड़ाई लड़ने वाली संस्था ने नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने बताया कि पूरे शहर में सबसे ज्यादा दुर्गति ग्रेटर नोएडा वेस्ट की जनता की है। लोगों ने जीवनभर की मोटी कमाई बिल्डर को घर खरीदने के लिए दे दी, लेकिन अभी तक घर पर मालिकाना हक नहीं मिला है। हालत यह हो गई है कि लोगों को अपने ही घर में रहने के लिए किराए के रूप में बैंक को मोटी रकम देनी पड़ती है। घरों की ईएमआई जाती है, जिसकी वजह से निवासियों की आर्थिक स्थिति लगातार बेकार होती जा रही है।

स्थानीय विधायक और सांसद को कभी माफ नहीं करेगी जनता
प्रदर्शन करने वाले निवासियों का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में जनप्रतिनिधियों से बातचीत की थी। उस समय वोट मांगते हुए जनप्रतिनिधियों ने कहा था कि सरकार बनने के बाद सबसे पहले उनकी मांगों को उठाया जाएगा और लोगों को अपने घर पर मालिकाना हक मिलेगा, लेकिन इस बात को अब डेढ़ साल से ज्यादा हो गए हैं। उनको मालिकाना हक तो छोड़ो फाइल तक नहीं चली है। ऐसे में लगता है कि जनप्रतिनिधि केवल वोट मांगने के लिए उनके पास आए और मतलब निकाल कर पीठ फेरकर चले गए। निवासियों का कहना है कि स्थानीय विधायक और सांसद ने उनके साथ धोखा किया है। जिसको क्षेत्र की जनता कभी माफ नहीं करेगी।

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