Greater Noida News : उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्रालय और नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरणों के बीच चल रहे मतभेदों के कारण पिछले एक साल में इस क्षेत्र में एक भी नया उद्योग स्थापित नहीं हो पाया है। यह खुलासा एक ताजा रिपोर्ट में किया गया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा एक साल पहले निकाली गई औद्योगिक भूखंड योजना अभी तक लागू नहीं हो पाई है। इस योजना में शामिल लगभग 48 प्लॉटों के लिए 548 उद्यमियों ने आवेदन किया था, लेकिन अब तक इनका आवंटन नहीं हो सका है। इसी तरह, नोएडा और यमुना प्राधिकरण में भी उद्योगों के लिए एक भी प्लॉट का आवंटन नहीं किया गया है।
बड़े प्लॉट इंटरव्यू से आवंटित किए जाएंगे
इस गतिरोध का मुख्य कारण प्लॉट आवंटन की प्रक्रिया को लेकर मतभेद है। उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास मंत्रालय प्लॉट आवंटन ड्रॉ से कराना चाहता है, जबकि प्राधिकरण इंटरव्यू के आधार पर आवंटन करना चाहते हैं। हालांकि, यह सहमति बनी है कि बड़े प्लॉट इंटरव्यू से आवंटित किए जाएंगे, जबकि छोटे प्लॉटों के लिए ड्रॉ निकाला जाएगा। लेकिन अभी तक शासन की ओर से प्राधिकरणों को कोई आधिकारिक आदेश या निर्देश नहीं मिले हैं।
गाजियाबाद के बिल्डर से लारेंस विश्नोई गैंग ने दो करोड़ की रंगदारी मांगी
85 हजार करोड़ रुपये के निवेश की संभावना
यह स्थिति तब है जब लगभग दो साल पहले उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करने के लिए एक बड़ा आयोजन किया गया था। उस समय नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों ने 85-85 हजार करोड़ रुपये के निवेश की संभावना जताई थी। निवेश आकर्षित करने के लिए अधिकारियों ने कई विदेशी दौरे भी किए थे। इस गतिरोध के कारण देसी-विदेशी कंपनियों का उत्साह कम हो रहा है। कई कंपनियां नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में निवेश करने के लिए उत्सुक हैं, लेकिन आवंटन प्रक्रिया में देरी के कारण उद्योग लगाने का मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है।