किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा ने आंदोलन पर की चर्चा, बोले- जिला प्रशासन ने अपनाई अंग्रेजों की नीति

ग्रेटर नोएडा से बड़ी खबर : किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा ने आंदोलन पर की चर्चा, बोले- जिला प्रशासन ने अपनाई अंग्रेजों की नीति

किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा ने आंदोलन पर की चर्चा, बोले- जिला प्रशासन ने अपनाई अंग्रेजों की नीति

Tricity Today | किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारी

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा में किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने रविवार को कैंप कार्यालय में मासिक बैठक की। जिसकी अध्यक्षता श्याम लाल नागर ने की तथा संचालन राष्ट्रीय महासचिव कृष्ण नागर ने किया। मासिक बैठक में गौतमबुद्ध नगर में वर्तमान आंदोलन की स्थिति पर गंभीरता से चर्चा की गई। सभी वक्ताओं ने किसानों व किसान नेताओं पर हो रहे अत्याचार की निंदा की। 

संघर्ष रहेगा जारी 
बैठक में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. विकास प्रधान ने कहा कि सरकार किसान आंदोलन को कुचलना चाहती है। जिला प्रशासन अंग्रेजों की नीति पर चल रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा एकजुट है। 23 दिसंबर को होने वाले राष्ट्रीय आह्वान पर संगठन के सभी कार्यकर्ता अलर्ट मोड पर हैं। शासन प्रशासन को किसानों की 10 प्रतिशत विकसित भूमि व भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को लागू करना होगा। प्रशासन यह न समझे कि जेल की धमकी देकर इस आंदोलन को खत्म कर दिया गया है। हम अपने हक और अधिकार के लिए हमेशा संघर्ष करते रहेंगे। हम संवैधानिक तरीके से लड़ाई लड़ेंगे और प्रशासन की नीति होनी चाहिए कि बातचीत के जरिए मुद्दों का समाधान हो। 

भाकियू अंबावता के कार्यकर्ता हुए शामिल
इस संबंध में संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता बृजेश भाटी ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन अंबावता के सैकड़ों कार्यकर्ता संगठन छोड़कर किसान मजदूर लोग संघर्ष मोर्चा में शामिल हुए हैं जिसमें राजकुमार रूपबांस को तहसील अध्यक्ष दादरी, अरुण प्रधान को जिला अध्यक्ष हापुड़, ऋषि पाल को तहसील संगठन मंत्री दादरी, अमित मुखिया को तहसील उपाध्यक्ष, अनिल को तहसील सचिव, राहुल पंडित को युवा जिला प्रभारी, किशन पाल को जिला सचिव हापुड़, विनोद नागर को जिला उपाध्यक्ष गौतमबुद्ध नगर समेत दर्जनों अन्य पदाधिकारियों को संगठन में मनोनीत किया गया है। 

अल्टीमेटम के बाद होगा एक्शन  
संगठन के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष लोकेश भाटी ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार को 23 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है। अगर 23 दिसंबर तक आंदोलनकारी किसानों को रिहा नहीं किया गया तो संयुक्त किसान मोर्चा बड़ा फैसला लेगा जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। इस अवसर पर प्रताप नागर, बाल किशन नागर, राजकुमार सिंह, राजेंद्र प्रसाद, रामनिवास नागर, जितेंद्र गुज्जर, हरिंदर नागर, लीलू भगत, ज्योति भड़ाना, विधु गोस्वामी, पूनम भाटी, विनोद मलिक, गोलू तंवर, कपिल कसाना, भरत नागर, नरेंद्र भाटी, आशु अट्टा, राशिद ज़ेवर, सौरव यादव, नितिन जाटव, राहुल दादरी, धनंजय कसाना, संटी ठेकेदार, आदेश प्रधान, संदीप चाडिला, सुभम चेची, विपिन कसाना, मोहित भाटी, निशु बसंल, अनीश त्यागी, धनजय कसाना आदि मौजूद रहे।

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