Greater Noida News : यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) क्षेत्र में एयरपोर्ट आने के बाद जमीन की कीमतों को पंख लए गए हैं। हाल ही में नीलामी द्वारा तीन भूखंड को बेचा गया है। इनका आरक्षित मूल्य 2.5 करोड़ रुपये रखा गया था और इसे खरीदने के लिए 28.28 करोड़ रुपये की बोली लगाई गई है। हैरत की बात है कि भूखंड का आकार मात्र एक हजार वर्गमीटर है।
सेक्टर-22 ई में बेचे गए प्लॉट
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में जेवर एयरपोर्ट के नजदीक सेक्टर-22 ई में कॉरपोरेट ऑफिस के लिए 45 प्लॉट की नीलामी की गई थी। इन प्लॉट की आरक्षित कीमत 2.5 करोड़ रुपये थी। इनमें से तीन प्लॉट जो 1,000 वर्ग मीटर के थे, इनके लिए अरक्षित मूल्य के दस गुने से अधिक की बोली लगाई गई है। यह बोली 25 से 29 करोड़ रुपये के बीच रही। ऐसे में यमुना अथॉरिटी को मात्र तीन प्लॉट बेचकर 7.5 करोड़ रुपये के बजाय 80 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा।
चैलेंजर कंप्यूटर लिमिटेड ने 28.28 करोड़ रुपये में खरीदा प्लॉट
यमुना अथॉरिटी द्वारा ई-नीलामी प्रक्रिया 11 जुलाई को शुरू की गई थी। 17 सितंबर 2024 को ई-नीलामी की प्रक्रिया को पूरा किया गया। इसमें सनश इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड ने 25.84 करोड़ रुपये में एक प्लॉट खरीदा। दूसरा प्लॉट ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड ने 26.64 करोड़ रुपये में खरीदा और तीसरा प्लॉट चैलेंजर कंप्यूटर लिमिटेड ने सबसे ऊंची बोली लगाते हुए 28.28 करोड़ रुपये में खरीदा है।
12 गुना कीमत मिली अथॉरिटी को
इन तीनों भूखंडों की नीलामी से YEIDA को कुल 80.76 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा। यहां धनराशि आरक्षित मूल्य से करीब 12 गुना अधिक है। सभी 45 भूखंडों के लिए कुल आरक्षित मूल्य 112.50 करोड़ रुपये था, लेकिन नीलामी में प्राधिकरण को आरक्षित मूल्य से लगभग 134 प्रतिशत अधिक धनराशि मिलेगी। इससे 265.14 करोड़ रुपये की धराशि यमुना अथॉरिटी को मिलेगी, जो सीधे तौर पर आरक्षित मूल्य के सापेक्ष 152 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ है।
एयरपोर्ट नजदीक होने से बढ़ी हैं कीमतें
नीलामी में शामिल किए गए सभी प्लॉट नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास सेक्टर-22 ई में हैं। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नजदीक होने के कारण इन भूखंडों के लिए ऊंची बोलियां लगाई गईं। YEIDA के सीईओ अरुण वीर सिंह ने कहा कि इस नीलामी से प्राप्त राजस्व को क्षेत्र के विकास के लिए भविष्य की परियोजनाओं में खर्च किया जाएगा। इसके अलावा, इन परियोजनाओं के तहत लगभग 5,000 लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और इन भूखंडों पर 500 करोड़ रुपये का निवेश होगा।