मोटर साइकिल रेसिंग को लेकर मनोज कुमार सिंह ने लखनऊ में की बैठक

MOTO Indian Grand Prix : मोटर साइकिल रेसिंग को लेकर मनोज कुमार सिंह ने लखनऊ में की बैठक

मोटर साइकिल रेसिंग को लेकर मनोज कुमार सिंह ने लखनऊ में की बैठक

Google Images | मनोज कुमार सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से लखनऊ में की बैठक

Greater Noida News : उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार सिंह ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मोटो जीपी रेस को लेकर उच्च स्तरीय कार्यकारी समिति की बैठक की। इसमें Moto Indian Grand Prix के आगे खिसकने और इसके लिए भविष्य की तैयारियों पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी नेतृत्व में इस प्रकार की वैश्विक प्रतिस्पर्धाओं के आयोजन से अंतर्राष्ट्रीय निवेशक प्रदेश की ओर आकर्षित हो रहे हैं, जिससे आर्थिक विकास को नई दिशा मिलेगी। 

अगले साल होने वाली रेस आगे खिसकी
मोटो जीपी 2025 में मार्च में भारत की मेजबानी में प्रस्तावित थी, लेकिन पिछले हफ्ते ही इसे एक साल आगे खिसकाया गया। मोटो जीपी ने अपनी वेबसाइट पर कहा था, सीजन के अंत में इंडियन जीपी के लिए तारीखें निकाल पाना संभव नहीं हो पा रहा, हम कोशिश करेंगे कि 2026 में यह सत्र की शुरुआत में ही हो जाए। इनवेस्ट यूपी के साथ हमारा अनुबंध भारत में इस रेस की वापसी कराएगा। हम जोशीले भारतीय दर्शकों के लिए जल्द से जल्द लौटने को बेताब हैं। । 

2023 में हुई थी पहली रेस  
इससे पहले करीब दो माह पूर्व विवाद के बाद उत्तर सरकार ने हस्तक्षेप करते हुए रेस के आयोजन में आ रही बाधाओं को दूर किया था। आयोजन को लेकर मोटो जीपी ने उत्तर प्रदेश सरकार की एजेंसी इन्वेस्ट यूपी के साथ नए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद 2027 तक इसके आयोजन का रास्ता साफ हो गया था। उस समझौते में कई बातों को अंतिम रूप दिया गया था। इसमें तय किया गया था कि इंडियन ग्रां प्री 2025 से 2027 तक होगी और इसे अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर में भी शामिल कर लिया जाएगा। लेकिन अब युवाओं की पसंदीदा बाइक रेस बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर  एक साल के लिए खिसक गई। 2023 में भारत में इंडियन ग्रां प्री (Indian Grand Prix) की शुरुआत हुई थी लेकिन कुछ विवाद के यह 2024 के सत्र में नहीं सकी।

संकट के बादल मंडराए थे
इससे पूर्व पिछली बार भारत में रेस कराने वाली कंपनी फेयर स्ट्रीट स्पोर्ट्स भुगतान को लेकर विवादों में आ गई थी। इसके बाद आयोजन पर संकट के बादल मंडराने लगे थे। कंपनी पर वेंडरों का भुगतान न करने समेत कई आरोप थे। यमुना विकास प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने इसकी जांच की थी। उन्हीं के प्रयासों के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस मामले को सुलझाने की पहल की। इसके बाद मोटो जीपी ने इन्वेस्ट यूपी के साथ अनुबंध किया था।

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