Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से बड़ी खबर है। ग्रेटर नोएडा के सीईओ ने अथॉरिटी के स्वास्थ्य विभाग में तैनात सेनेटरी इंस्पेक्टर के डिप्लोमा की जांच कराने की जिम्मेदारी एसीईओ मेधा रूपम को दी है। सीईओ ने 15 दिन के अंदर जांच कर जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है। इस जांच में ओएसडी रजनीकांत पूरा सहयोग करेंगे।
किसने की शिकायत ?
दरअसल, ग्रेटर नोएडा में स्थित सीनियर सिटीजन हाउसिंग सोसाइटी में रहने वाले महेश भाटी ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ रवि कुमार एनजी से मुलाकात की। उन्होने लिखित में शिकायत दर्ज कराई कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से कई सेनेटरी इंस्पेक्टर के पद पर तैनात का योग्यता का सत्यापन कराया जाए।
4 सेनेटरी इंस्पेक्टरों पर सवाल
उन्होंने सीईओ को बताया कि 8 सेनेटरी इस्पेक्टर में से 4 सेनेटरी इंस्पेक्टर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बांकापुर से हेल्थ सेनेटरी इंस्पेक्टर का डिप्लोमा लगाते हुए नौकरी कर रहे है। जबकि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की ओर से औद्योगिक इकाइयों के लिए एसी टेड का प्रमाण पत्र दिया जाता है। आईटीआई संस्थान से हेल्थ सेनेटरी इंस्पेक्टर प्रमाण पत्र किसी भी सरकारी दफ्तर में सेनेटरी पद के लिए मान्य नहीं है।
एसीईओ को 15 दिन में जांच रिपोर्ट देनी होगी
सीईओ रवि कुमार एनजी ने एसीईओ मेधा रूपम को पत्र में कहा कि यह प्रकरण बेहद गंभीर है। इस प्रकरण की गहनता पूवर्क जांच करने के लिए जांच अधिकारी नियुक्त किया जाता है। शिकायत पत्र में सभी बिंदुओं पर जांच कर 15 दिन में जांच पूरी कर आख्या उपलब्ध कराए। सीईओ की इस जांच की कार्रवाई से फर्जी डिग्री लगाकर स्वास्थ्य विभाग में मलाई काट रहे अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।