कहा- सपा से ज्यादा नोटा को वोट मिले, साइकल पंक्चर का दर्द तो होगा

अखिलेश यादव की हार पर नन्द गोपाल नन्दी ने ली चुटकी : कहा- सपा से ज्यादा नोटा को वोट मिले, साइकल पंक्चर का दर्द तो होगा

कहा- सपा से ज्यादा नोटा को वोट मिले, साइकल पंक्चर का दर्द तो होगा

Tricity Today | Nand Gopal Nandi and Akhilesh Yadav

Greater Noida News : विधानसभा चुनावों पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान आया है कि तीन राज्यों में बीजेपी की जीत पर हम निराश नहीं हैं, लेकिन अखिलेश यादव के इस बयान और मध्य प्रदेश में सपा समेत अन्य पार्टियों की करारी हार पर उत्तर प्रदेश सरकार में औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने मंगलवार को सपा पर तीखा हमला बोला। मंत्री नन्द गोपाल नन्दी ने कहा कि अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव के प्रचार में पूरी ताकत लगा दी थी। उन्होंने 6 दिनों तक ताबड़तोड़ प्रचार किया था। इस दौरान उन्होंने कुल 24 रैलियां भी की थीं। इसके अलावा रोड और रथ यात्रा भी मतदाताओं को रिझाने के लिए की थीं। अखिलेश यादव के अलावा उनकी पत्नी व मैनपुरी की सांसद डिंपल यादव ने भी कई विधानसभा क्षेत्रों में रैलियां कीं। अखिलेश यादव रैलियों में यह भी बोला करते थे की ऐसा कभी नहीं हुआ है की सपा का मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में खाता ना खुला हो, पर मोदी जी हैं, तो यह भी मुमकिन है।

सपा और नोटा को कितने-कितने वोट मिले
मंत्री नन्दी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा है, "उगते हुए सूरज और सूरज की रोशनी में उगते हुए कमल को कोई रोक नहीं सकता। यह प्रकृति है और प्रकृति के विरूद्ध देखे गए शेख चिल्ली के सपने केवल सपने ही रह जाते हैं। ऐसे सपने देखने से नींद तो अच्छी आ सकती है, लेकिन जनता के दिल में जगह नहीं मिल सकती। समाजवादी पार्टी ने मध्य प्रदेश की 69 सीटों पर चुनाव लड़ा। आपने इन सीटों पर 24 रैलियां की और बड़े-बड़े दावे किए। लेकिन राज्य में सपा को मात्र 0.46 प्रतिशत वोट मिले, जबकि नोटा को सपा के दोगुनी यानी 0.98 फीसदी वोट मिले हैं। सपा ने मध्य प्रदेश में कुल 69 सीटों पर चुनाव लड़ा था। उसमें से 50 सीटों पर उसकी जमानत जब्त हुई, इनमें से 43 सीट ऐसी हैं जिन पर सपा को एक हजार से भी कम वोट मिले हैं। जनता के बीच आपके और आपकी पार्टी के वजूद को समझने के लिए ये आंकड़े पर्याप्त हैं। जनादेश की इतनी साफ लिखावट को भी अगर आप नहीं पढ़ सकते तो आपकी दृष्टि और दशा दोनों चिंताजनक है।"

अखिलेश के साथ कमलनाथ भी किनारे हुए
नन्दी ने आगे कहा, "समीकरणों को देखकर साफ पता लग रहा है कि अखिलेश खुद तो डूबे साथ में घमंडिया गठबंधन के सहयोगी कांग्रेस को भी ले डूबे। क्योंकि सपा ने चार सीटों पर कांग्रेस का ही खेल बिगाडा। जतारा, चंदला, जतारा, बहोरीबंद और निवाड़ी सीट पर सपा ने कांग्रेस के वोट काट दिए। इन सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवारों की जीत हुई है। चुनाव से पहले कमलनाथ ने सही कहा था, "अरे भाई छोडो अखिलेश वखिलेश।" लेकिन जनता ने अखिलेश को तो छोड़ा साथ में कमलनाथ को भी किनारे कर दिया।"

"दर्द छिपाना तो कोई अखिलेश यादव से सीखे"
नन्द गोपाल नन्दी का कहना है, "जो जनता के भाग्य को नहीं बदलते। जनता उन्हें भाग्य को बदल देती है और यह बात सपा प्रमुख अखिलेश यादव के लिए सच  सिद्ध हुई है। दर्द छिपाना तो कोई अखिलेश यादव से सीखे। मध्यप्रदेश में उनकी साइकल में पंक्चर होने के बाद सीने में दर्द तो बहुत हुआ होगा पर मीडिया के सामने बोलना पड़ रहा है कि हम निराश नहीं है।"

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