Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का ऑनलाइन सिस्टम लगभग 65 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया था, जो पिछले एक साल से पूरी तरह से बंद पड़ा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा ऑनलाइन सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बावजूद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में इस नई तकनीक ने दम तोड़ दिया है।
पूरा सिस्टम ठप पड़ा
इस ऑनलाइन सिस्टम को बनाने के लिए एक प्राइवेट कंपनी को हायर किया गया था। जिसका उद्देश्य शहर के आवंटियों को उनके प्लॉट से संबंधित कार्यों को घर बैठे ऑनलाइन पूरा कराने का था, लेकिन कुछ समय ठीक-ठाक चलने के बाद यह सिस्टम पूरी तरह से बंद हो गया। अब स्थिति यह है कि प्राधिकरण में सभी काम ऑफ़लाइन किए जा रहे हैं।
हालात ज्यादा बिगड़ गई
ऑफ़लाइन कामकाज की शुरुआत के बाद से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में हालात ज्यादा बिगड़ गए हैं। स्थिति यह है कि प्राधिकरण के विभिन्न विभागों जैसे नियोजन, प्रोजेक्ट्स और प्रॉपर्टी में प्रिंटिंग से लेकर स्टेशनरी की भारी कमी है। यहां तक कि व्हाइट पेपर और प्रिंटर के लिए कार्ट्रिज भी उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।
65 करोड़ रुपये व्यर्थ साबित हुए
एक्टिव सिटिजन टीम के सदस्य हरेंद्र भाटी ने इस मामले पर अपनी नाराजगी जताई है और इस पूरे प्रकरण की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण में ऑनलाइन सिस्टम बनाने पर खर्च किए गए 65 करोड़ रुपये अब व्यर्थ साबित हो रहे हैं। अनूप राज सिंह ने भी इस मामले की जांच के लिए SIT गठित करने की मांग की है। उनका आरोप है कि इस घोटाले में शामिल अधिकारियों की संपत्ति की भी जांच की जानी चाहिए।