नोएडा एयरपोर्ट के पास घर का सपना देख रहे लोगों को झटका, 370 प्लॉट्स के लिए रेरा ने नहीं दी मंजूरी

बुरी खबर : नोएडा एयरपोर्ट के पास घर का सपना देख रहे लोगों को झटका, 370 प्लॉट्स के लिए रेरा ने नहीं दी मंजूरी

नोएडा एयरपोर्ट के पास घर का सपना देख रहे लोगों को झटका, 370 प्लॉट्स के लिए रेरा ने नहीं दी मंजूरी

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Greater Noida News : यमुना विकास प्राधिकरण की ओर से दीवाली पर सेक्टर-24ए में 451 आवासीय भूखंडों की योजना शुरू की गई है। हालांकि, इस योजना में शामिल होने की राह देख रहे 370 भूखंड एक बार फिर यूपी रेरा के पंजीकरण में फंस गए हैं। रेरा से अनुमति न मिलने के कारण ये भूखंड आवासीय योजना का हिस्सा नहीं बन सके हैं। जिससे जमीन खरीदने की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को निराशा का सामना करना पड़ रहा है।

क्या है प्लॉट्स की स्कीम
प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि यह योजना उन लोगों के लिए विशेष अवसर है। जो नोएडा एयरपोर्ट के निकट अपना घर बनाने का सपना देख रहे हैं। योजना में 120, 162, 200, 250 और 260 वर्गमीटर के भूखंड शामिल किए गए हैं। जो इस बार योजना में जोड़े गए छोटे भूखंडों का भी विकल्प प्रदान करते हैं। सबसे बड़ा भूखंड 260 वर्गमीटर का है। विशेष रूप से किसानों के लिए 17.5 प्रतिशत भूखंडों का आरक्षण रखा गया है। इस योजना में आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर है। जबकि ड्रॉ की घोषणा 27 दिसंबर को की जाएगी।

370 प्लॉट अभी भी योजना से बाहर
यमुना प्राधिकरण ने शुरुआती योजना में सेक्टर-18 के दो ब्लॉकों में कुल 821 भूखंडों को शामिल करने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन इनमें से 370 भूखंड रेरा में पंजीकरण न होने के कारण योजना में नहीं जोड़े जा सके हैं। यह स्थिति पिछले आवासीय योजना में भी सामने आई थी। जब पंजीकरण संबंधी अड़चनों के कारण दो हजार भूखंडों को योजना में शामिल नहीं किया जा सका था। इससे प्राधिकरण को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था और एक आवेदक ने इस मामले को सीबीआई तक पहुंचा दिया था।

इस बार भी किरकिरी होगी
योजना में भूखंडों की संख्या बढ़ाई जाएगी या नहीं, इस पर प्राधिकरण ने अभी कुछ भी कहने से मना कर दिया है। पिछले योजना में प्लॉट की संख्या में कमी के कारण प्राधिकरण को न सिर्फ आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। बल्कि लोगों की नाराजगी भी झेलनी पड़ी थी। इस बार भी यदि पंजीकरण की समस्या का समाधान नहीं होता है तो यह योजना प्रभावित हो सकती है। जिससे प्राधिकरण की छवि पर फिर से नकारात्मक असर पड़ सकता है।

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