ग्रेटर नोएडा में  25 नवंबर को ऐतिहासिक किसान महापंचायत की तैयारी, गांव-गांव में चल रहा जागरूकता अभियान

बड़ी खबर : ग्रेटर नोएडा में  25 नवंबर को ऐतिहासिक किसान महापंचायत की तैयारी, गांव-गांव में चल रहा जागरूकता अभियान

ग्रेटर नोएडा में  25 नवंबर को ऐतिहासिक किसान महापंचायत की तैयारी, गांव-गांव में चल रहा जागरूकता अभियान

Tricity Today | गांव-गांव में चल रहा जागरूकता अभियान

Greater Noida News : संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 25 नवंबर को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर ऐतिहासिक किसान महापंचायत आयोजित करने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। महापंचायत का उद्देश्य किसानों के अधिकारों के लिए निर्णायक संघर्ष को मजबूती देना है। इसके तहत मोर्चा के सभी घटक संगठन अलग-अलग गांवों में जाकर किसानों को जागरूक कर रहे हैं। महापंचायत में प्रमुख मांगें किसानों को 10 प्रतिशत प्लॉट, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के सभी लाभ और बाजार दर का चार गुना मुआवजा देना शामिल हैं। साथ ही किसानों को रोजगार, पुनर्वास और आबादी निस्तारण का अधिकार दिलाने की मांग की जाएगी।  

गांव-गांव चल रहे जनजागरण अभियान
कई किसान संगठनों ने जनपद के हर क्षेत्र में जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने नोएडा के बहलोलपुर और छिजारसी गांव में जनजागरण सभाएं कीं। किसान एकता संघ ने यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के मिलक गांव में अभियान चलाया। भारतीय किसान यूनियन (महात्मा टिकैत) ने मकनपुर बांगर गांव में किसानों को जुटाया। किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा ने दनकौर के चपरगढ़ और अन्य गांवों में बैठकें आयोजित कीं। भारतीय किसान सभा ने जूनपत गांव में किसानों को अधिकारों के प्रति जागरूक किया। भारतीय किसान परिषद ने नोएडा प्राधिकरण से प्रभावित गांवों में अभियान तेज किया।  

17 नवंबर को आगरा में बड़ी किसान पंचायत बुलाई
जय जवान जय किसान मोर्चा और भाकियू कृषक शक्ति ने ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे के साथ अंसल बिल्डर से प्रभावित गांवों में लोगों से संपर्क किया। सिस्टम सुधार संगठन ने आगरा के एत्मादपुर क्षेत्र में जनजागरण किया और 17 नवंबर को आगरा में बड़ी किसान पंचायत बुलाई है।  

किसानों का अडिग रुख, दशकों पुराना संघर्ष
किसानों ने साफ कहा है कि जब तक उनकी जमीन से जुड़े अधिकारों की मांगें पूरी नहीं होतीं, वे पीछे नहीं हटेंगे। इस बार किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में राशन और आवश्यक सामग्रीलेकर महापंचायत में पहुंचेंगे। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि जरूरत पड़ी तो वे लखनऊ और दिल्ली तक कूच करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। आपको बता दें कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना प्राधिकरण, बुलंदशहर, गाजियाबाद और न्यू नोएडा जैसी परियोजनाओं से प्रभावित किसानों का यह संघर्ष दशकों पुराना है।

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