Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा में जिले का पहला बस-वे निर्माण कार्य शुरू होने जा रहा है। यह बस कोरिडोर ग्रेटर नोएडा वेस्ट के गौड़ सिटी से लेकर ग्रेटर नोएडा तक बनाया जाएगा। इस बस-वे को भविष्य में जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट से जोड़ा जाएगा। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने 130 मीटर एक्सप्रेसवे के ले-आउट में बदलाव किया है, ताकि इस बस-वे को मुंबई की तर्ज पर बनाया जा सके। इसके बनने से बसें इस मार्ग पर मुख्य सड़क पर नहीं चलेंगी। जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या कम होगी। इस प्रोजेक्ट को एक साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगों को मिलेगा फायदा
अधिकारियों के अनुसार, जब जेवर एयरपोर्ट चालू होगा तब सड़क पर यातायात का दबाव बढ़ जाएगा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट से बड़ी संख्या में यात्री एयरपोर्ट पहुंचेंगे। ये यात्री गौड़ सिटी के पास से तीन-मूर्ति गोल चक्कर होते हुए ग्रेटर नोएडा जाएंगे। इसके अलावा यह सड़क सिरसा तक जाएगी और वहां से केजीपी एक्सप्रेसवे से जुड़ेगी। यह नया बस-वे ग्रेटर नोएडा वेस्ट में भारी ट्रैफिक को संभालने में मदद करेगा। वर्तमान में गौड़ सिटी और तीन मूर्ति गोल चक्कर के आसपास अक्सर जाम की स्थिति रहती है जो भविष्य में और खराब हो सकती है।
25 किलोमीटर लंबा बस-वे बनाया जाएगा
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने समस्या के समाधान के लिए अब से ही काम शुरू कर दिया है। बस-वे बनाने के लिए नई लेन तैयार की जा रही है। यह बस-वे ग्रेनो वेस्ट में एक मूर्ति गोल चक्कर से लेकर ग्रेटर नोएडा तक के विभिन्न हिस्सों में बनेगा। पहले चरण में यह कार्य ग्रेनो वेस्ट से सिरसा गोल चक्कर तक हो रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत लगभग 25 किलोमीटर लंबा बस-वे बनाया जाएगा, जो यात्रियों को सुविधाजनक यात्रा अनुभव प्रदान करेगा।
गाजियाबाद और नोएडा में अभी तक नहीं है ऐसा कोई बस-वे
ग्रेटर नोएडा में इस तरह का बस-वे पहली बार बनाया जा रहा। जिससे इस क्षेत्र के लोगों को आधुनिक परिवहन की सुविधाएं मिलेंगी। खास बात यह है कि गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर में अभी तक ऐसा कोई बस-वे नहीं है। इस नई परियोजना से यात्रियों को न केवल समय की बचत होगी, बल्कि यात्रा में भी सहूलियत मिलेगी। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की इस पहल से क्षेत्र की यातायात व्यवस्था में सुधार आने की उम्मीद है। खासकर जब एयरपोर्ट का संचालन शुरू होगा। इससे यात्रियों की संख्या में वृद्धि होगी और ग्रेटर नोएडा के आसपास के क्षेत्रों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा।