Greater Noida News : परी चौक स्थित अखिल भारतीय गुर्जर संस्कृति शोध संस्थान में दो दिवसीय "किसान चिंतन शिविर" का आयोजन किया गया। जिसमें देश के कई राज्यों के किसान नेताओं ने भाग लिया। राष्ट्रीय किसान समन्वय समूह के आह्वान पर आयोजित इस शिविर में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक सहित 12 राज्यों के किसान नेता एकत्रित हुए। इस दौरान किसानों के अधिकारों और उनकी समस्याओं पर गहन चर्चा की गई। किसान नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो यह आंदोलन बड़े पैमाने पर दिल्ली में किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही केंद्रीय कृषि मंत्री से मुलाकात कर मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
क्या है किसानों की मांग
शिविर में किसानों ने "त्रि-स्तरीय पंचायती राज कानून" की तर्ज पर महाराष्ट्र की ग्राम सभा कानून को अन्य राज्यों में भी लागू करने की मांग की। इसके साथ ही भूमि अधिग्रहण या रजिस्ट्री द्वारा किसानों की जमीन लिए जाने पर बाजार दर से चार गुना मुआवजा, 20 प्रतिशत प्लॉट, रोजगार और पुनर्वास के सभी लाभ दिए जाने की बात कही गई। किसानों ने यह भी जोर दिया कि फसलों के उचित मूल्य के लिए एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) गारंटी कानून को तुरंत लागू किया जाए।
आगामी 2 अक्टूबर को ग्राम सभा की बैठक
किसानों ने सर्वसम्मति से आगामी 2 अक्टूबर को अपने-अपने जिलों के गांवों में ग्राम सभा की बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया। इस दौरान वे ग्राम सभा कानून लागू कराने की दिशा में कदम उठाएंगे। शिविर के राष्ट्रीय संयोजक दशरथ कुमार ने बताया कि ग्राम सभा कानून लागू होने से गांवों में विकास कार्यों में पारदर्शिता आएगी और 25 विभागों के मंत्रियों को ग्राम सभा से अनुमति लेकर गांवों में विकास का पैसा खर्च करना पड़ेगा।
एमएसपी गारंटी कानून की मांग
जय जवान जय किसान मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक सुनील फौजी एडवोकेट ने भूमि अधिग्रहण कानून के तहत किसानों को मिलने वाले मुआवजे और पुनर्वास के लाभों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसानों को बाजार दर से चार गुना मुआवजा और पुनर्वास के सभी लाभ दिए जाने चाहिए। इसके साथ ही गांवों का सर्किल रेट बाजार मूल्य के अनुसार बढ़ाया जाना चाहिए। भाकियू महात्मा टिकैत के अध्यक्ष अनिल तालान ने एमएसपी गारंटी कानून के तत्काल लागू किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।