नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 122 बिल्डरों पर आफत और 53 हजार खरीदारों को मिलगी बड़ी राहत

नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 122 बिल्डरों पर आफत और 53 हजार खरीदारों को मिलगी बड़ी राहत

नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 122 बिल्डरों पर आफत और 53 हजार खरीदारों को मिलगी बड़ी राहत

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 43 हजार फ्लैट खरीदारों के लिए बड़ी खबर है। निबंधन विभाग उन बिल्डरों पर एफआईआर करने की तैयारी कर रहा है, जिन्होंने बिना रजिस्ट्री फ्लैटों और दुकानों पर खरीदारों को कब्जा दिया हुआ है। इस मसले को लेकर मंगलवार को सूरजपुर कलक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी बीएन सिंह ने एडीएम वित्त और निबंधन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की।

डीएम ने कहा, जिले के डिफॉल्टर बिल्डरों को रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाए। अगर 15 दिनों में रजिस्ट्री नहीं करवाई गईं तो बिल्डरों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन निवेशकों पर भी कार्रवाई होगी जो रजिस्ट्री करवाने में रुचि नहीं दिखाएंगे। इससे करीब 43 हजार फ्लैट धारकों की रुकी रजिस्ट्री हो जाएंगी।

सरकार को करीब 1,235 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। जिले में 122 बिल्डर हैं, जिनमें से अधिकतर डिफॉल्टर हैं। बिना रजिस्ट्री करीब 43 हजार फ्लैटों और 10 हजार दुकानों पर बिल्डरों ने कब्जा दिया हुआ है। निबंधन विभाग के मुताबिक इन फ्लैटों और दुकानों की रजिस्ट्री नहीं होने से शासन को राजस्व की प्राप्ति नहीं हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि स्टांप अधिनियम 1908 और उत्तर प्रदेश नियमावली के मुताबिक खरीदार और का पंजीकरण होना होना जरूरी है।

ओसी नहीं तो एग्रीमेंट टू सबलीज कराएं: निबंधन विभाग के मुताबिक यदि बिल्डर को प्राधिकरण की ओर से अधिभोग प्रमाणपत्र (ओसी) नहीं मिला है तो बिल्डर एग्रीमेंट टू सबलीज के तहत रजिस्ट्री कराएं। इसके लिए पांच फीसदी स्टांप ड्यूटी देकर एग्रीमेंट टू सबलीज होगी। बाद में जब प्राधिकरण की देनदारी बिल्डर चुका देगा तो अधिभोग प्रमाणपत्र मिल जाएगा। तब सबलीज के लिए केवल 50 रुपये के स्टांप पर ट्राई पार्टी एग्रीमेंट रजिस्टर कर दिया जाएगा। भारतीय स्टांप अधिनियम के अनुच्छेद 35 में एग्रीमेंट टू सबलीज का प्रावधान है।

ग्रेटर नोएडा के सहायक महानिरीक्षक (स्टांप) शिव कुमार त्रिपाठी ने काह, जिलाधिकारी के आदेश के मुताबिक 15 दिन बाद डिफॉल्टर बिल्डरों पर कार्रवाई शुरू की जाएगी। उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है, जिसमें रजिस्ट्री या एग्रमेंट टू सबलीज कराने का आदेश दिया जा रहा है।

जिला प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक सिक्का कार्मिक ग्रींस, लॉजिक्स, वेव इंफ्राटेक लिमिटेड, अंतरिक्ष गोल्फ एवेन्यू 1 व 2, एम्स गार्डेनिया, आरजी रेजीडेंसी, प्रतीक स्टाइलोम समेत 122 डिफॉल्टर बिल्डर हैं। डीएम ने कहा कि अगर इन बिल्डरों ने अगले 15 दिनों में रजिस्ट्री या एग्रीमेंट टू सब लीज नहीं करवाया तो गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की जाएगी।

 

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