योगी आदित्यनाथ के इन तीन संस्मरणों से समझ सकते हैं उनके विकास का मॉडल, नोएडा में सीएम ने खुद सुनाए

योगी आदित्यनाथ के इन तीन संस्मरणों से समझ सकते हैं उनके विकास का मॉडल, नोएडा में सीएम ने खुद सुनाए

योगी आदित्यनाथ के इन तीन संस्मरणों से समझ सकते हैं उनके विकास का मॉडल, नोएडा में सीएम ने खुद सुनाए

Tricity Today | Yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को नोएडा में आए। यहां सेक्टर-108 में नवनिर्मित पुलिस आयुक्त के कार्यालय का लोकार्पण करने के बाद उन्होंने संबोधन किया। इस संबोधन में उन्होंने तीन संस्मरण सुनाए। जिनमें योगी आदित्यनाथ के विकास का मॉडल साफ झलकता है। योगी आदित्यनाथ ने तीनों संस्मरण अपने भाषण के दौरान सुनाए हैं।

योगी आदित्यनाथ ने बताया, मैं गोरखपुर से 1998 में पहली बार सासंद बना था। गोरखपुर में एक फर्टिलाइजर कारखाना है, जो 1990 में बंद हो गया था। मैं उस कारखाने को दोबारा चलवाना चाहता था। इसके लिए तत्कालीन फर्टिलाइजर मिनिस्टर सुरजीत सिंह बरनाला से मिलने पहुंचा। मैंने उन्हें बताया कि मेरे यहां खाद बनाने वाला कारखाना बंद पड़ा है और मैं उसे चलवाना चाहता हूं। उन्होंने पूछा कि आप कहां से सांसद चुने गए हैं। मैंने उन्हें बताया कि गोरखपुर से चुना गया हूं। वह मुझे देखते रहे और बहुत देर तक कुछ नहीं बोले।

फिर मैंने उनसे थोड़ी देर बाद कहा कि सरदार जी, अगर आप कुछ सहयोग नहीं करना चाहते हैं तो कोई बात नहीं लेकिन कुछ तो बोलिए। इसके बाद बरनाला साहब ने पूछा कि आप वहां से कैसे चुने गए? 

उन्होंने बड़ा आश्चर्य प्रकट किया। मैंने उन्हें बताया कि मैं तो जीतकर आ गया लेकिन आपको इतना आश्चर्य क्यों हो रहा है। इस पर सुरजीत सिंह बरनाला बोले कि मैं 20 साल पहले एक चुनावी सभा में गोरखपुर गया था। मैं जैसे मंच पर चढ़ा किसी ने बम फेंककर मारा। मैं वहां से किसी तरह जान बचाकर पीछे से भाग और उसके बाद कभी गोरखपुर नहीं गया।

योगी आदित्यनाथ आगे बताते हैं कि आज गोरखपुर बहुत शांत है। 22 साल से वहां कोई ऐसी घटना नहीं हुई है। आगे भी कोई घटना नहीं होगी, मैं गारंटी देता हूं। पिछले 22 वर्षों में किसी का अपहरण नहीं हुआ। किसी व्यापारी, महिला या बालिका का अपहरण नहीं हुआ है। सत्ता में कोई रहा हो, मैंने हमेशा जनता, उद्योग और कारोबारी से संवाद रखा है। वह फर्टिलाइजर कारखाना अगले साल फिर शुरू होगा। एम्स बन रहा है। गोरखुपर की एयर कनेक्टिविटी दिल्ली, मुंबई, कलकत्ता, बंगलूरू और प्रयागीरज से है।

योगी आदित्यनाथ ने दूसरा संस्मरण अपने बतौर मुख्यमंत्री कार्यकाल से जुड़ा बताया। बोले, मैं लखनऊ पुलिस लाइन में गया तो बुरा हाल देखा। पुलिस लाइन के दरवाजे, फर्श और छत नहीं थे। पुलिस वाला टूटी चारपाई पर लेटा था। वहां से गंदी नाली बह रही थी। दीवारों पर सीलन से बुरा हाल था। रहने के लिए घर नहीं थे। शौचालयों का बुरा हाल था। नालियां प्लास्टिक से चॉक पड़ी थीं। वहां से लौटते ही प्रमुख सचिव गृह से बता की। पूछा पुलिस की बेहतरी के लिए क्या किया? उन्होंने कहा, पैसा नहीं है।

मैंने प्रमुख सचिव को जवाब दिया कि नीयत में खोट है, इसे ठीक कीजिए। यूपी में कभी किसी चीज की कमी नहीं हो सकती है। यहां ईश्वर की कृपा बरसती है। मैंने नाबार्ड और हुडको के अधिकारियों को बुलाया। पूछा, कितना पैसा देंगे। उन्होंने कहा, जितना चाहें उतना देंगे। हमारी सरकार ने कोई लोन नहीं लिया।

आगे बोले, मैं आज यहां शामली से आ रहा हूं, सात साल पहले जिला बनाया गया था। पुलिस, डीएम और सीएमओ के पास दफ्तर नहीं हैं। ऐसे में पुलिस वाला कैसे काम करेगा। हमने सारे नए जिलों के लिए पैसा उपलब्ध करवा दिया है। फटाफट सारे इंतजाम करने का आदेश दिया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया, मुझे याद है वर्ष 2017 के दिसंबर महीने में सरकार के अफसर मेरे पास इनवेस्टर्स समिट का प्रस्ताव लेकर आए। मैंने उनसे पूछा कि कितना पैसा मिल जाएगा। उन्होंने जवाब दिया कि 20 हजार करोड़ रुपये के प्रस्ताव मिल जाएंगे। इस पर मुझे अच्छा नहीं लगा। मैंने कहा, 23 करोड़ की आबादी के प्रदेश के लिए 20 हजार करोड़ रुपये लेकर आएंगे। बड़ा छोटा सोचा है आपने। मैंने उनसे कहा कि 35 हजार करोड़ रुपये हमने किसानों के कर्ज माफ किए हैं, इससे 10 गुना निवेश के प्रस्ताव आएंगे तो इनवेस्टर्स समिट करेंगे। नहीं तो नहीं करेंगे।

सीएम आगे बोले, टीम एक जगह गई 10 हजार करोड़ का प्रस्ताव मिला। दूसरी जगह गए तो 10 हजार करोड़ और मिले। तीसरी जगह मुझे चलने के लिए बोला। मैं मुंबई गया और वहां मुझे ढाई लाख करोड़ के प्रस्ताव मिले।

सीएम ने कहा, सैमसंग यहां से जा रहा था। लखनऊ से टीसीएस भागने की तैयारी कर रहा था। ऐसे तमाम उद्यमी थे, जो यूपी में निवेश नहीं करना चाहता थे। कहीं शासन की कमी, कहीं प्रशासन की खराब व्यवस्था और कहीं खराब कानून व्यवस्था थी। आखिरकार इनवेस्टर्स समिट में पांच लाख करोड़ के प्रस्ताव हमें मिले।

सीएम ने लोगों को बताया कि ऐसा ही कुछ डिफेंस एक्सपो को लेकर हुआ। जब लखनऊ में डिफेंस एक्सपो के लिए काम शुरू किया तो तब के मुख्य सचिव ने कहा कि 20 हजार करोड़ के प्रस्ताव मिलेंगे। मैंने उनसे कहा, 50 हजार करोड़ मिलेंगे। अब जब डिफेंस एक्सपो हुआ तो हमें 50 हजार करोड़ रुपये के प्रस्ताव मिले।

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