Google Image | Dasna Jail
यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा में अच्छे अंक पाकर जेल में बंद कैदियों ने भी अपना परचम लहराया है। जिला गाजियाबाद की डासना जेल में बंद एक कैदी अरुण ने 70% अंक हासिल किए हैं। वहीं, वाराणसी की सेंट्रल जेल में बंद कैदी शिव प्रताप सिंह ने दसवीं की परीक्षा में 76% अंक हासिल किए हैं। यूपी के विभिन्न जिलों की जेल में बंद 209 कैदियों ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा दी थीं।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के परिणाम जारी कर दिए गए हैं। इस बार की बोर्ड परीक्षा में 56 लाख से अधिक छात्र शामिल हुए थे। जिसमें राज्य की जेलों से भी कुछ कैदियों ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा दी हैं। उत्तर प्रदेश के 17 जिलों में 114 कैदियों ने कक्षा 10वीं बोर्ड के लिए फॉर्म भरे थे। 12वीं की बोर्ड परीक्षा देने वाले कैदियों की संख्या 93 है। इनमें से 86 कैदियों ने परीक्षा पास की है।
10वीं की परीक्षा देने वाले सभी कैदी पुरुष थे
बोर्ड के सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि परीक्षा देने वाले सभी बंदे पुरुष थे। 114 बंदी परीक्षार्थियों में कोई महिला शामिल नहीं थी। कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 95 कैदियों ने फॉर्म भरे थे। उनमें से कुल 75 कैदियों ने इंटरमीडिएट की परीक्षा दी थी। निजी कारणों के चलते 20 बंदियों ने परीक्षा नहीं दी थी। इन सभी बंदियों के लिए निकटतम इंटर कॉलेजों में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। जहां पुलिस सुरक्षा के बीच में लाया और ले जाया जाता था।
12वीं की बोर्ड परीक्षा में 2 महिला कैदी भी शामिल हुईं
बोर्ड से मिली जानकारी के मुताबिक 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 75 कैदियों में से दो महिला कैदियों ने भी परीक्षा दी थी। 12वीं में 63 कैदी पास हुए हैं। इस साल कुल मिलाकर 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में 209 कैदी शामिल हुए थे। 10वीं और 12वीं की परीक्षा में शामिल होने वाले सभी बंदी व्यक्तिगत परीक्षार्थी के रूप में सम्मिलित हुए हैं। इन बंदियों ने संबंधित न्यायालयों और जेल प्रशासन से अनुमति लेने के बाद फार्म भरे थे।
इंटरमीडिएट में अरुण और हाईस्कूल में शिव ने किया टॉप
जिला गाजियाबाद की डासना जेल में बंद कैदी अरुण ने इंटरमीडिएट की परीक्षा में 70.8 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। जबकि, वाराणसी की सेंट्रल जेल में बंद कैदी शिव प्रताप सिंह ने दसवीं की परीक्षा में 76.5 प्रतिशत अंक प्राप्त कर टॉप किया है। यह दोनों लोग प्रदेशभर की जेलों से परीक्षा देने वाले बंधुओं में टॉपर रहे हैं। दोनों ने बतौर व्यक्तिगत परीक्षार्थी बोर्ड का एग्जाम दिया था।
डीआईजी (जेल) लव कुमार का कहना है कि यह एक अच्छा उदाहरण है। जिलों में नवयुवक बंदियों को बेहतर माहौल और अवसर प्राप्त होने चाहिए। आगे भी बंदियों को प्रतियोगी परीक्षाओं, 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जाएगा। डीआईजी जेल लव कुमार ने बताया कि स्नातक और परास्नातक करने वाले छात्र भी उत्तर प्रदेश की जेलों में हैं। पिछले 2 वर्ष के दौरान एक या दो बंदियों ने पीएचडी भी की हैं।