ग्रेटर नोएडा वेस्ट में सोसायटी सील करने के विरोध में उतरे निवासी, मेन गेट पर पहुंची भीड़

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में सोसायटी सील करने के विरोध में उतरे निवासी, मेन गेट पर पहुंची भीड़

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में सोसायटी सील करने के विरोध में उतरे निवासी, मेन गेट पर पहुंची भीड़

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा वेस्ट में सोसायटी सील करने के विरोध में उतरे निवासी

ग्रेटर नोएडा वेस्ट की हाउसिंग सोसायटी को सील करने पहुंची बिसरख कोतवाली पुलिस को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। हाउसिंग सोसाइटी के निवासी बड़ी संख्या में घरों से निकलकर मेन गेट पर पहुंच गए हैं। सोसाइटी की सीलिंग करने का विरोध कर रहे हैं। पुलिस ने निवासियों से कहा है कि वह जिला प्रशासन से बात करें। उनके हाथ में कुछ नहीं है। उन्हें सीलिंग का ऑर्डर मिला है, वे उसका पालन करने आए हैं।

ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सुपरटेक इकोविलेज वन हाउसिंग सोसाइटी में इस सप्ताह कोरोनावायरस से संक्रमित कई लोग मिले हैं। जिसके बाद जिला प्रशासन ने हाउसिंग सोसायटी को कंटेनमेंट जॉन की दूसरी श्रेणी में शामिल किया है। दादरी के एसडीएम राजीव कुमार राय की ओर से सोसाइटी का सीलिंग आर्डर जारी किया गया है। जिसका अनुपालन करने सोमवार की देर शाम बिसरख कोतवाली पुलिस सुपरटेक इकोविलेज वन सोसाइटी पहुंची। 

सीलिंग की जानकारी मिलने के बाद बड़ी संख्या में हाउसिंग सोसाइटी के निवासी मुख्य द्वार पर पहुंच गए। सभी लोग पूरी सोसाइटी को सील करने का विरोध कर रहे हैं। दरअसल, शहर की सोसायटियों के लोग मांग कर रहे हैं कि जिस टावर में कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्ति मिलता है, उसी टावर को सील किया जाए। पूरी हाउसिंग सोसायटी को सील नहीं किया जाए। 

इस मुद्दे पर फ्लैट खरीदारों की संस्था नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा, गाजियाबाद, गुड़गांव, फरीदाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में नियम अलग-अलग बनाए जा रहे हैं। गाजियाबाद में जिन हाउसिंग सोसाइटी में संक्रमण के मामले मिले हैं, उनमें केवल संबंधित टावर को सील किया गया है। यही व्यवस्था गुड़गांव और फरीदाबाद में अपनाई जा रही है। दूसरी ओर नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति मिलने पर हजारों परिवार की पूरी हाउसिंग सोसायटी को सील कर दिया जाता है। हमने आज ही इस मामले पर कोविड-19 अभियान के प्रभारी नरेंद्र भूषण और जिलाधिकारी सुहास एलवाई को पत्र भेजा है। अभिषेक का कहना है, हमारी मांग है कि केवल टावर को सील किया जाए। पूरी हाउसिंग सोसायटी को सील नहीं किया जाए।

सुपरटेक इकोविलेज वन की निवासी रंजना भारद्वाज ने कहा, एक और शहर में औद्योगिक इकाइयों और कंपनियों को जिला प्रशासन व सरकार ने खोल दिया है। कंपनी में काम शुरू कर दिया है तो कर्मचारियों को वहां बुलाया जा रहा है। दूसरी ओर जिला प्रशासन धड़ाधड़ हाउसिंग सोसायटी को सील कर रहा है। ऐसे हालात में हम लोगों की नौकरियां जाने का संकट पैदा हो गया है। जब सोसाइटी सील हो जाएगी तो लोग आवागमन नहीं कर पाएंगे। कंपनी में हाजिरी नहीं दे पाएंगे। कंपनियों वर्क फ्रॉम होम खत्म कर चुकी हैं। कर्मचारियों को दफ्तर आने के लिए आदेश दे दिया गया है। अब यह जरूरी है कि गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन भी गाजियाबाद और एनसीआर के दूसरे शहरों की तरह कंटेनमेंट जॉन की व्यवस्था लागू करें। जिस टावर में कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्ति मिले, उसी टावर को सील किया जाए।

समाचार लिखे जाने तक इस मामले को लेकर सुपरटेक इकोविलेज वन हाउसिंग सोसाइटी के निवासी विरोध कर रहे थे। सैकड़ों की संख्या में लोग सोसायटी के मेन गेट पर खड़े हुए हैं। बिसरख कोतवाली पुलिस ने डीसीपी को जानकारी दे दी है। अब इस मामले में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच बातचीत चल रही है। सुपरटेक इकोविलेज वन ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सबसे बड़ी हाउसिंग सोसायटी है। अभी सोसाइटी में करीब 3200 परिवार रह रहे हैं। यही वजह है कि सोसाइटी के निवासी सीलिंग का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि दो-तीन लोगों के कोरोनावायरस से संक्रमित होने के कारण दस हजार लोगों को कैद करना न्यायोचित नहीं है।

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