Noida News : नोएडा प्राधिकरण में नौकरी दिलाने के नाम पर एक युवक से 10 लाख रुपये की ठगी का मामला प्रकाश में आया है। आरोपी ने खुद को एक मंत्री का निजी सचिव बताकर युवक को अपने जाल में फंसाया। पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। दूसरी तरफ हाल में ही फर्जी तरीके से तैनात हुए चार कर्मचारियों को निकाला गया है। सूत्रों के मुताबिक, वर्तमान में भी कई कर्मचारी फर्जी तरीके से प्राधिकरण में काम कर रहे हैं।
नौकरी का किया दावा
पीड़ित धर्मराज, जो विजयनगर के प्रताप विहार का रहने वाला है। उन्होंने बताया कि उसकी मुलाकात एक दोस्त के माध्यम से बुलंदशहर के राधानगर निवासी विजय कुमार से हुई थी। विजय ने खुद को एक मंत्री का निजी सचिव बताया और दावा किया कि उसके नोएडा प्राधिकरण में अच्छे संपर्क हैं। उसने धर्मराज को भरोसा दिलाया कि वह उसे प्राधिकरण के भूलेख विभाग में नौकरी दिलवा सकता है।
फोन उठाना किया बंद
धर्मराज ने बताया कि विजय की बातों में आकर मैंने उसकी बात मान ली। हमने 10 लाख रुपये में सौदा तय किया। मैंने आधी रकम उसके बैंक खाते में जमा करा दी और बाकी आधी रकम नकद दे दी। रुपये लेने के बाद आरोपी विजय ने शुरू में तो धर्मराज को टालमटोल करते हुए टरकाता रहा लेकिन बाद में उसने फोन उठाना ही बंद कर दिया। जब एक दिन धर्मराज ने उससे संपर्क किया तो विजय ने उसे अगवा करवाकर जान से मारने की धमकी दे दी।
पुलिस ने की रिपोर्ट दर्ज
इस घटना से परेशान होकर धर्मराज ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। गाजियाबाद पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी गई है। जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा।