Noida News : नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट से लेकर गाजियाबाद, हापुड़ और बुलंदशहर में ट्रैफिक व्यवस्था को जाम फ्री करने की योजना तैयार की जा रही है। रीजनल कांप्रेहेंसिव मोबिलिटी प्लान (आरसीएमपी) Regional Comprehensive Mobility Plan के तहत बनाई जा रही इस योजना का मुख्य उद्देश्य इन शहरों में ऐसी व्यवस्था को विकसित करना है, जो आगामी 50 सालों तक ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाए रखे। आए दिन जाम की समस्या को पूरी तरह से खत्म किया जा सके। योजना के तहत इन शहरों में यातायात व्यवस्था बेहतर किए जाने के साथ फरीदाबाद और दिल्ली से कनेक्टिविटी को भी बेहतर किया जाएगा।
चार जिलों के छह शहरों में खत्म होगा जाम
इस योजना में सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने के साथ बॉटल नेक को खत्म करने के साथ अंडरपास और फ्लाईओवर भी बनाए जाएंगे। जिससे सड़कों पर वाहनों को बेवजह रुकना नहीं पड़ेगा। किसी भी दूरी को तय करने में लोगों को कम से कम समय लगे, इसके लिए परिवहन प्रणाली को दुरुस्त किया जाएगा। इस प्लान को पूरा करने के लिए जल्द ही सलाहकार कंपनी का चयन किया जाएगा।
नोएडा को प्रदेश सरकार ने बनाया नोडल एजेंसी
प्लान तैयार करने के लिए सलाहकार कंपनी चुनने के लिए नोएडा अथॉरिटी ने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) जारी कर दी है। प्रदेश सरकार की ओर से इस प्लान को तैयार करने के लिए नोएडा अथॉरिटी को नोडल एजेंसी बनाया गया है। नोएडा अथॉरिअी सलाहकार एजेंसी का चयन करने के साथ प्लान भी तैयार कराएगी। इसके बाद संबंधित जिलों में काम करने वाली अथॉरिटी अपने शहर में इस प्लान को लागू करने के लिए वे तमाम व्यवस्थाएं करेंगे, जो सलाहकार कंपनी द्वारा बताई जाएंगी।
तीन माह में देना होगा सलाहकार को प्राथमिक प्लान
नोएडा अथॉरिटी के एडिशनल सीईओ सतीश पाल ने बताया कि सलाहकार कंपनी को अधिकतम डेढ़ साल का समय विस्तृत प्लान तैयार करने के लिए दिया जाएगा। हालांकि, चयन के बाद तीन माह में सलाहकार कंपनी को प्राथमिक प्लान बनाकर देना होगा। जिसकी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को भेजी जाएगी। इस प्लान में पहले हापुड़ और गाजियाबाद को शामिन नहीं किया गया था, लेकिन अब इन्हें भी इस प्लान में शामिन किया गया है। सलाहकार कंपनी सभी शहरों की स्थिति को देाख्ते हुए प्लान तैयार करेगी।
व्यवस्था सुधारने को बनेगी डीपीआर
सलाहकार एजेंसी सभी शहरों का स्थलीय निरीक्षण कर वर्तमान की स्थितियों को जानेगी। इसके बाद 50 साल तक के लिए वहां की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए योजना तैयार करेगी। इसमें अगामी 50 सालों में शहर के विस्तार, भविष्य में बढ़ने वाली आबादी, वाहनों की संख्या और यातायात के दबाव का आकलन करेगी। इन चीजों के आधार पर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी। जिसमें आगामी 50 सालों के लिए ट्रैफिक प्लान होगा और बताया जाएगा कि कहां कौन सी व्यवस्थाएं की जानी चाहिए।
इन बिंदुओं पर तैयार होगा प्लान
-सभी अथॉरिटी के प्लानिंग डिपार्टमेंट के साथ मिलकर शहरी और ग्रामीण इलाकों का अध्ययन करेगी। इसमें आबादी, इंफ्रास्ट्रक्चर और रोड नेटवर्क को शामिल किया जाएगा।
-ट्रांसपोर्ट नेटवर्क, रजिस्टर्ड वाहन, बाहर से प्रतिदिन औसत आने वाले वाहन, ट्रांसपोर्ट सिस्टम, रीजनल ट्रांसपोर्ट पॉलिसी, सड़क हादसों की संख्या, स्पॉट और कारण को शामिल कर प्राथमिक रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
-स्टेक होल्डर और आम लोगों के बीच रिपोर्ट के आधार पर एक सर्वे किया जाएगा।
-सड़क की चौड़ाई, गति सीमा, शहर में आबादी और इमारतों के अंदर और बाहर पार्किंग के साथ दोपहिया, कार और भारी वाहनों की अनुमानित संख्या के साथ पैदल यात्री और रिक्शा आदि से चलने वाले लोगों की संख्या का आंकलन कर ग्राउंड रिपोर्ट तैयार करने को विस्तृत सर्वेक्षण किया जाएगा।
-इन शहरों में प्रदूषण को अधिक से अधिक मात्रा में करने के लिए सभी प्रविधानों को शामिल किया जाएगा।
-सलाहकार कंपनी फाइनल ड्राफ्ट बनाकर नोएडा एजेंसी को देगी। इसके बाद इसे सभी अथॉरिटी द्वारा लागू कराने के लिए कार्य किया जाएगा।