60 प्रतिशत पद खाली, प्रमोशन की प्रक्रिया अटकने से लटक रहे लोगों के काम

नोएडा प्राधिकरण में स्टाफ की कमी : 60 प्रतिशत पद खाली, प्रमोशन की प्रक्रिया अटकने से लटक रहे लोगों के काम

60 प्रतिशत पद खाली, प्रमोशन की प्रक्रिया अटकने से लटक रहे लोगों के काम

Tricity Today | नोएडा प्राधिकरण

Noida News : कभी कर्मचारियों की हड़ताल तो कभी किसानों के धरना प्रदर्शन के चलते नोएडा प्राधिकरण में लोगों के काम समय से नहीं हो पाते हैं। प्राधिकरण से लगातार स्टाफ का स्थानांतरण होने के कारण यहां वर्तमान में स्वीकृत पद लगातार खाली हो रहे हैं। स्थिति यह है कि नोएडा प्राधिकरण में इस समय मात्र 40 प्रतिशत पदों पर अधिकारी और कर्मचारी तैनात हैं। 60 प्रतिशत पदों के खाली होने के कारण लोगों के प्रतिदिन के कार्यों के साथ विभिन्न प्रकार की अनुमति, अनापत्ति प्रमाण पत्र सहित अन्य कार्य भी लटक रहे हैं। 

भर्ती प्रक्रिया और पदोन्नति दोनों अटके 
नोएडा प्राधिकरण के 60 प्रतिशत पद इस समय खाली चल रहे हैं। बचे हुए 40 प्रतिशत स्टाफ पर सौ फीसदी लोगों का काम करने की जिम्मेदारी है। नोएडा प्राधिकरण में सीधी भर्ती और पदोन्नति के बाद रिक्त पदों को भरे जाने की प्रक्रिया अभी भी अटकी हुई है। ऐसे में केवल 40 प्रतिशत स्टाफ प्राधिकरण में काम कर रहा है। बीते दिनों कई अधिकारियों-कर्मचारियों के निलंबन के बाद व्यवस्था और प्रभावित हो रही है।

प्राधिकरण ने भेजा शासन को पत्र 
नोएडा प्राधिकरण में स्टाफ की कमी और नए स्टाफ की भर्ती के लिए शासन को पत्र भेजा है। नोएडा प्राधिकरण में 2187 स्वीकृत पद हैं। इसमें केंद्रीयकृत सेवा नियमावली 2018 के अनुसार 552 पद सीधी भर्ती से भरे जाने हैं। नियमावली 2018 से इतर 1036 पद सृजित हैं। इसी तरह से दोनों श्रेणी में पदोन्नति के आधार पर 424 और 175 पद स्वीकृत हैं।

1286 पदों पर होनी है भर्ती 
नोएडा प्राधिकरण में दोनों कैटेगरी में सीधी भर्ती से 690 पदों पर अधिकारी-कर्मचारी कार्यरत हैं। वहीं, पदोन्नति के आधार पर 211 अधिकारी तैनात हैं। दोनों श्रेणी में सीधी भर्ती के रूप में 598 पद और पदोन्नति के आधार पर 388 पद वर्तमान में खाली हैं। प्राधिकरण में कामकाज को सामान्य करने के लिए अभी भी 1286 पदों पर भर्ती होनी है।

निलंबित अधिकारी व कर्मचारी सीईओ से मिले 
हाल ही में शासन के निर्देश पर प्रमुख सचिव की ओर से निलंबित किए गए छह अधिकारी और कर्मचारी नोएडा प्राधिकरण पहुंचकर प्राधिकरण के सीईओ से मिले। अधिकारी कर्मचारियों ने स्वयं के लिए दिशा-निर्देश मांगे हैं। नियम के तहत निलंबन के बाद ऐसे अधिकारी प्राधिकरण में कार्य नहीं कर पाएंगे। हालांकि उनको नोएडा प्राधिकरण से संबद्ध किया गया है।

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