स्टे ऑर्डर की आड़ में खूब किया जा रहा निर्माण, मूकदर्शक बने  प्राधिकरण के अधिकारी, चेतावनी बोर्ड के बराबर में ही  इमारतें खड़ी

नोएडा में हाईकोर्ट की अवमानना का भी डर नहीं : स्टे ऑर्डर की आड़ में खूब किया जा रहा निर्माण, मूकदर्शक बने प्राधिकरण के अधिकारी, चेतावनी बोर्ड के बराबर में ही  इमारतें खड़ी

स्टे ऑर्डर की आड़ में खूब किया जा रहा निर्माण, मूकदर्शक बने  प्राधिकरण के अधिकारी, चेतावनी बोर्ड के बराबर में ही  इमारतें खड़ी

Tricity Today | महर्षि आश्रम की जमीन पर अवैध निर्माण

Noida News : नोएडा में अवैध रूप से जमीनों पर कब्जा करने वाले और फ्लैट बनाकर व काॅलोनी काटकर बेचने वालों के हौसले बुलंद हैं। हालत यह है कि हाईकाेर्ट के स्टे की आड़ लेकर अवैध रूप से दिन-रात निर्माण किया जा रहा है। जबकि हाईकोर्ट के स्टे के बाद वहां न तो कोई निर्माण होना चाहिए, न ही किसी प्रकार की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होनी चाहिए। स्टे ऑर्डर के बाद प्राधिकरण अधिकारी चैन की नींद सो रहे हैं, जबकि अवैध निर्माण करने वाले लोग दिन में खरीद-फरोख्त और रात में बेखौफ होकर निर्माण कर रहे हैं। ताजा मामला महर्षि योगी आश्रम की सालारपुर और भंगेल की जमीन का है।  चेतावनी बोर्ड के बगल में खड़ी हो रही बहुमंजिला इमारतें 
प्राधिकरण की अधिसूचित जमीन और हाईकोर्ट का स्टे होने के बाबत नोएडा प्राधिकरण की तरफ से सालारपुर और भंगेल के साथ ही महर्षि योगी आश्रम की जमीन के पास बड़े-बड़े चेतावनी बोर्ड लगाए हैं कि यहां किसी भी प्रकार का निर्माण न किया जाए। बावजूद बोर्ड के चंद फीट की दूरी पर ही दिन-रात निर्माण कार्य किया जा रहा है। कुछ दिन पहले जहां मैदान दिखाई देता था, अब वहां बहुमंजिला इमारते नजर आने लगी हैं। 

लगातार चल रहा निर्माण 
जिस स्थान पर निर्माण किया जा रहा है, उसे देखकर साफ पता लगता है कि वह एक या दो दिन का नहीं बल्कि कई महीनों से किया जा रहा निर्माण है। यहां पांच से लेकर आठ मंजिल तक की इमारत खड़ी की जा रही है। वर्तमान में भी यहां निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन प्राधिकरण अधिकारी इलाहाबाद हाईकोर्ट का स्टे आर्डर बताकर निर्माण को ध्वस्त कराने की बात तो दूर, इसे रुकवाने की जहमत नहीं उठा रहे हैं। 
 
स्टे ऑर्डर की आड़ में चल रहा खेल 
महर्षि योगी आश्रम की जमीन को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कई साल पहले एक स्थगन आदेश जारी किया था। इस समय इस स्थगन आदेश का जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है। प्राधिकरण जमीन पर स्टे ऑर्डर बताकर कोई कार्रवाई नहीं करने का बहाना बनाता है। दूसरी ओर, स्टे ऑर्डर होने के बावजूद इस जमीन की खरीद-फरोख्त धड़ल्ले से की जा रही है। दिन-रात बड़े पैमाने पर यहां निर्माण कार्य भी चल रहा है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब जमीन पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्टे ऑर्डर दे रखा है तो खरीद-फरोख्त और निर्माण कैसे और किसकी अनुमति से किया जा रहा है। यहां किए जा रहे निर्माण के फोटो और वीडियो को साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत कर नोएडा अथॉरिटी इस अवैध निर्माण के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर क्यों नहीं कर रही है? 

अपना हिस्सा लेकर जा चुके अधिकारी 
जानकारों का कहना है कि महर्षि आश्रम की जमीन को हड़पने वालों के साथ प्राधिकरण में तैनात रहे कई अधिकारी भी शामिल हैं। कई अधिकारी करोड़ों रुपये के वारे न्यारे करके शहर से दूसरी जगह जा चुके हैं। कई अफसर अभी भी प्राधिकरण में बैठकर इस जमीन पर कब्जा कराने के लिए निजी स्वार्थ की पूर्ति कर रहे हैं। जिसके चलते भूमाफियाओं की भी चांदी हो रही है।

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